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दिमाग को सबसे ज्यादा नुकसान देने वाला स्नैक कौन सा है? जान जाएंगे तो आज ही छोड़ देंगे खाना

World Mental Health Day: वो कहते हैं जैसा अन्न वैसा मन. यानि आप जो खाते हैं उसका वैसा ही असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. क्या आप जानते हैं कि कुछ फूड्स ब्रेन हेल्थ को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं? यहां जानिए उसकी लिस्ट.

दिमाग को सबसे ज्यादा नुकसान देने वाला स्नैक कौन सा है? जान जाएंगे तो आज ही छोड़ देंगे खाना
World Mental Health Day: टेस्टी स्नैक्स आपके दिमाग को चुपचाप नुकसान पहुंचा सकते हैं.

Worst Snacks For Brain Health: मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. हम अक्सर मानसिक बीमारी को तनाव, नींद की कमी या भावनात्मक कारणों से जोड़ते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी रोज की खाने की आदतें खासकर वो टेस्टी स्नैक्स आपके दिमाग को चुपचाप नुकसान पहुंचा सकते हैं? भारत में स्ट्रीट फूड्स और पारंपरिक स्नैक्स का स्वाद जितना लाजवाब होता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है अगर हम रोजाना इनका सेवन करें. आइए जानते हैं कि कौन-से भारतीय स्नैक्स ब्रेन के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक हैं और क्यों.

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क्या कहता है डब्ल्यूएचओ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अनहेल्दी खानपान और पोषण की कमी मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. खासकर बच्चों और युवाओं में.

WHO की Healthy Diet रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि:

  • अनहेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी की कमी स्वास्थ्य के लिए वैश्विक जोखिम हैं.
  • हेल्दी खानपान बचपन से शुरू होना चाहिए, जिससे संज्ञानात्मक विकास (cognitive development) बेहतर होता है.
  • बहुत ज्यादा शुगर, नमक और ट्रांस फैट वाले फूड्स ब्रेन सेल्स के बीच संचार को रिस्ट्रिक्ट कर सकते हैं.

इसके अलावा, Neuron जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन (2025) के अनुसार, सिर्फ चार दिन तक जंक फूड खाने से ब्रेन की मेमोरी सेल्स पर असर पड़ता है, जिससे ब्रेन फॉग, धीमी सोच और भूलने की समस्या शुरू हो सकती है.

सबसे खतरनाक भारतीय स्नैक: समोसा, कचौड़ी और डीप फ्राइड फूड्स

समोसा, कचौड़ी, पकोड़े, भटूरे जैसे स्नैक्स में डीप फ्राइंग के दौरान ट्रांस फैट बनता है. ये फैट्स ब्रेन तक ब्लड सर्कुलेशन को रिस्ट्रिक्ट करते हैं, जिससे न्यूरॉन एक्टिविटी धीमी हो जाती है. ट्रांस फैट्स से मूड स्विंग्स, थकावट और याददाश्त की कमजोरी हो सकती है.

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रिफाइंड मैदा और व्हाइट शुगर: स्वाद में मीठा, दिमाग के लिए कड़वा

समोसे और कचौड़ी का बाहरी हिस्सा रिफाइंड मैदा से बनता है, जो पाचन में भारी और पोषण में कमजोर होता है. रिफाइंड फूड्स से ब्रेन फंक्शनिंग कम हो जाती है और फोकस व अटेंशन में दिक्कत आती है. मिठाइयों और मीठे शर्बत में मौजूद बहुत ज्यादा शुगर से ब्लड शुगर फ्लक्चुएशन होता है, जिससे ब्रेन फॉग और चिड़चिड़ापन बढ़ता है.

चाय और कॉफी

भारत में चाय और कॉफी सबसे लोकप्रिय पेय हैं, लेकिन इनमें मौजूद कैफीन अगर ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो नींद की कमी और चिंता को बढ़ा सकता है. कैफीन नर्व सेल्स को उत्तेजित करता है और लंबे समय में ब्रेन को थका सकता है.

ब्रेन पर असर कैसे पड़ता है?

  • ट्रांस फैट्स न्यूरोट्रांसमिटर्स को बाधित करते हैं, जिससे सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे मूड-बूस्टिंग केमिकल्स कम हो जाते हैं.
  • रिफाइंड कार्ब्स से इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है, जिससे याददाश्त कमजोर होती है.
  • बहुत ज्यादा शगुर से ब्रेन में सूजन आ सकती है, जो अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाती है.

क्या खाएं ताकि दिमाग रहे फिट?

  • अखरोट, बादाम, अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर.
  • हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज: फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स.
  • दही, छाछ, नींबू पानी: गट हेल्थ को सुधारते हैं, जिससे ब्रेन हेल्थ भी बेहतर होती है.
  • हल्दी, ब्राह्मी, अश्वगंधा: आयुर्वेदिक ब्रेन टॉनिक

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर यह समझना जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ भावनाओं या सोच से नहीं, बल्कि आपकी थाली से भी जुड़ा है. जो स्नैक आपको स्वाद देता है, वही आपके दिमाग को धीरे-धीरे कमजोर कर सकता है. अगर आप अपने ब्रेन को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो समोसा-कचौड़ी की जगह बादाम-अखरोट चुनिए और अपने मानसिक स्वास्थ्य को स्वाद के साथ संतुलन भी दीजिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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