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This Article is From Apr 29, 2019

हल्दी के फायदे: पेट के कैंसर में है फायदेमंद

पेट के कैंसर के मामले बीते कई सालों से धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. पेट के कैंसर के लक्षणों के बारे में बात करें तो इसके शुरुआत में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं. हम जो खाते हैं उसका सीधा असर हमारे शरीर पर होता है. गलत खाना जहां आपको बीमार कर सकता है वहीं सही और सेहतमंद आहार कई रोगों को दूर कर सकता है.

हल्दी के फायदे: पेट के कैंसर में है फायदेमंद

पेट के कैंसर के मामले बीते कई सालों से धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. पेट के कैंसर के लक्षणों के बारे में बात करें तो इसके शुरुआत में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं. हम जो खाते हैं उसका सीधा असर हमारे शरीर पर होता है. गलत खाना जहां आपको बीमार कर सकता है वहीं सही और सेहतमंद आहार कई रोगों को दूर कर सकता है. कक्यूर्मा लॉन्गा (हल्दी के पौधे) की जड़ों से निकले करक्यूमिन को पेट का कैंसर रोकने या उससे निपटने में मददगार पाया गया है. फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो (यूनिफैस्प) और फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ पारा (उफ्पा) के शोधकतार्ओं ने ब्राजील में यह जानकारी दी. करक्यूमिन के अलावा, हिस्टोन गतिविधि को संशोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अन्य यौगिकों में कोलकेल्सीफेरोल, रेस्वेराट्रोल, क्वेरसेटिन, गार्सिनॉल और सोडियम ब्यूटाइरेट (आहार फाइबर के फरमेंटेशन के बाद आंत के बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित) प्रमुख थे.

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वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड इंटरनेशनल के पेट के कैंसर संबंधी आंकड़ों के अनुसार, विश्व स्तर पर, प्रत्येक वर्ष गैस्ट्रिक कैंसर के अनुमानित 9,52,000 नए मामले सामने आते हैं, जिसमें लगभग 7,23,000 लोगों की जान चली जाती है (यानी 72 प्रतिशत मृत्यु दर). भारत में, पेट के कैंसर के लगभग 62,000 मामलों का प्रतिवर्ष निदान किया जाता है (अनुमानित 80 फीसदी मृत्यु दर के साथ).

पेट के कैंसर के लक्षण (Stomach cancer: Symptoms)

इस बारे में हेल्थ केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के के अग्रवाल ने कहा, "पेट का कैंसर कई वर्षों में धीरे-धीरे विकसित होता है, इसलिए शुरुआत में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं. सामान्य लक्षणों में भूख कम होना, वजन में कमी, पेट में दर्द, अपच, मतली, उल्टी (रक्त के साथ या बिना उसके), पेट में सूजन या तरल पदार्थ का निर्माण, और मल में रक्त आना शामिल हैं. इन लक्षणों में से कुछ का इलाज किया जाता है, क्योंकि वे दिखाई देते हैं और गायब हो जाते हैं, जबकि अन्य लक्षण उपचार के बावजूद जारी रहते हैं. रोग की उच्च दर के लिए तनाव, धूम्रपान और अल्कोहल जिम्मेदार हो सकते हैं. धूम्रपान विशेष रूप से इस स्थिति की संभावना को बढ़ाता है."

पेट के कैंसर के कारण (Stomach Cancer: Causes) 

भारत में कई जगहों पर, आहार में फाइबर सामग्री कम रहती है. अधिक मसालेदार और मांसाहारी भोजन के कारण पेट की परत में सूजन हो सकती है, जिसे अगर छोड़ दिया जाए तो कैंसर हो सकता है.

पेट के कैंसर का इलाज (Stomach Cancer: Treatments)

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "पेट के कैंसर के लिए पर्याप्त फॉलो-अप और पोस्ट-ट्रीटमेंट देखभाल की जरूरत होती है, इसलिए नियमित जांच के लिए स्वास्थ्य टीम के संपर्क में रहना महत्वपूर्ण है. पहले कुछ वर्षों के लिए, स्वास्थ्य टीम से हर 3 से 6 महीने में मिलने की सिफारिश की जाती है, उसके बाद सालाना मिला जा सकता है. हालांकि, पेट के कैंसर के निदान के बाद जीवन तनावपूर्ण हो जाता है, परंतु सही उपचार, जीवनशैली में बदलाव और डॉक्टरों व शुभचिंतकों के समर्थन से, मरीज ठीक हो सकता है." (इनपुट - आईएएनएस)

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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