Maa Kalratri Bhog: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है. सातवें दिन यानी सप्तमी को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा की जाती है. नवरात्रि में सप्तमी तिथि का विशेष महत्व है. असुरों का वध करने के लिए मां दुर्गा ने यह रूप धारण किया था. मान्यता है कि सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से भूत, प्रेत या बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है और भय समाप्त होता है. मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी चीजें पसंद है. इसलिए महा सप्तमी के दिन माता रानी को गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. इस सप्तमी मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए बनाएं गुड़ का मालपुआ.
मां कालरात्रि को लगाएं मालपुआ का भोग-
कहते हैं कि मां कालरात्रि की उपासना करने वाले भक्त की कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है. मां कालरात्रि की पूजा के बाद आप उन्हें गुड़ से बने मालपुए का भोग लगा सकते हैं. मान्यता है कि इससे मां प्रसन्न होती हैं और हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. मालपुआ एक बेहद ही पॉपुलर रेसिपी है. त्योहारों में इसे बनाया जाता है. भोग लगाने के लिए आप इसे आसानी से बना सकती हैं. आइए जानते हैं इसकी पूरी रेसिपी.
गुड़ का मालपुआ बनाने की सामग्री-
- गुड़- आधा कप
- कद्दूकस- 1 कप
- गेहूं का आटा- आधा चम्मच
- सौंफ- आधा चम्मच
- इलायची पाउडर- 3/4 चम्मच
- फ्रूट सॉल्ट- आधा चम्मच
- देसी घी- आधा चम्मच
- इलायची पाउडर- आधा चम्मच
- पिस्ता- मात्रा के अनुसार कटे हुए
इस तरह बनाएं मां कालरात्रि के लिए गुड़ का मालपुआ-
1. सबसे पहले एक नॉन-स्टिक पैन लें और उसमें एक चौथाई पानी रखकर गर्म करें.
2. जब पानी गर्म हो जाए तो उसमें गुड़ डाल दें और मध्यम आंच पर गुड़ पिघलने तक पकाएं.
3. अब गैस को बंद कर दें और थोड़ा सा ठंडा करने के लिए इसे एक बाउल में निकाल लें.
4. अब इसमें गेहूं का आटा और सौंफ डालकर अच्छी तरह से मिला लें. ताकि किसी तरह का गांठ न रह जाए.
5. इसके बाद इलायची पाउडर, फ्रूट सॉल्ट और 2 चम्मच पानी डालकर इसे हल्का-हल्का चलाकर मिला लें.
6. अब एक नॉन-स्टिक तवा गरम करें और उस पर घी लगाकर चिकना कर लें.
7. इस तवे पर एक छोटा चम्मच घोल डालकर गोला बनाकर समान रूप से फैला लें. गोला 3 इंच से ज्यादा न हो.
8. अब दोनों तरफ से सुनहरा होने तक घी से पकाएं.
9. मालपुआ का जो घोल बचा है, इसी तरह उसे बाकी मालपुआ बनाने में भी इस्तेमाल करें.
10. अब इसे इलायची पाउडर और चांदी के पिस्ते से सजाएं और मां कालरात्रि को भोग में चढ़ाएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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