
न्यूयार्क:
फल और हरी सब्जियां जितना हमारी बॉडी को लाभ पहुंचाती हैं, उतनी ही हानि बाज़ार में मिलने वाले जंक फूड पहुंचाते हैं। यह तो सभी जानते हैं कि पिज्जा, बर्गर, मैगी और कोल्ड ड्रिंक आदि खाद्य पदार्थ जहां आपको मोटापे की ओर ले जाते हैं, वहीं अंदर कई बीमारियों को भी बुलावा देते हैं। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों के लिए इन्हें छोड़ना और फल-सब्जियों को अपने रुटीन में शामिल करना जरूरी हो गया है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक यदि कोई बच्चा फल और सब्जी ज़्यादा खाता है, तो इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वह चॉकलेट या चिप्स कम खाएगा। इसलिए माता-पिता बच्चों को फल, सब्जी खाने और दूध पीने के लिए तो प्रोत्साहित करें ही, साथ ही चॉकलेट, चिप्स, पिज्जा, मैगी और बर्गर जैसे स्वास्थ्य खराब करने वाले पदार्थ यानी जंक फूड खाने से परहेज करना भी सिखाएं। जंक फूड में कैलोरी, वसा और चीनी या नमक तो काफी अधिक होता ही है, लेकिन प्रोटीन, विटामिन और खनिज कम या न के कराबर होते हैं। ठेले पर बिकने वाले अधिकतर खाद्य पदार्थ अस्वास्थ्यकर होते हैं। बाजार के छोले-भटूरे, समोसे, पाव भाजी, तले हुए पदार्थ, बर्गर, पिज्जा, मैगी, पास्ता, चॉकलेट आदि सभी चीज़ें जंक फूड में आती हैं। अध्ययन के मुताबिक बच्चों को इनसे बचने की आदत डालना बहुत जरूरी है।

शोधकर्ताओं ने इस पर किए गए अध्ययन में पाया कि फल, सब्जी और दूध अधिक मात्रा में खाने वाले बच्चे, उतनी ही मात्रा में जंक फूड खाते हैं, जितना फल-सब्जी नहीं खाने वाले बच्चे खाते हैं। अमेरिका के ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसंधान दल के सदस्य फिलिस पिरे ने कहा, "यह आम धारणा है कि यदि आप लोगों को हेल्दी चीज़ें खाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, तो वे खुद ही हेल्थ खराब करने वाली चीज़ें खाना छोड़ देंगे।" दुर्भाग्य से ऐसा होता नहीं है। इसलिए लोगों को यह भी बताने की जरूरत है कि कौन-कौन सी खाने की चीज़ें हेल्थ के लिए अच्छी नहीं हैं और किन चीज़ों को खाने से परहेज करना चाहिए।

अभी बच्चों में मोटापा घटाने के लिए सिर्फ अच्छे भोजन पर ही जोर दिया जाता है, जबकि इस अनुसंधान की मानें तो उतना ही जोर खराब भोजन से बचने पर भी दिया जाना चाहिए।
यह अध्ययन शोध पत्रिका 'मैटर्नल एंड चाइल्ड हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित हुआ है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक यदि कोई बच्चा फल और सब्जी ज़्यादा खाता है, तो इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वह चॉकलेट या चिप्स कम खाएगा। इसलिए माता-पिता बच्चों को फल, सब्जी खाने और दूध पीने के लिए तो प्रोत्साहित करें ही, साथ ही चॉकलेट, चिप्स, पिज्जा, मैगी और बर्गर जैसे स्वास्थ्य खराब करने वाले पदार्थ यानी जंक फूड खाने से परहेज करना भी सिखाएं। जंक फूड में कैलोरी, वसा और चीनी या नमक तो काफी अधिक होता ही है, लेकिन प्रोटीन, विटामिन और खनिज कम या न के कराबर होते हैं। ठेले पर बिकने वाले अधिकतर खाद्य पदार्थ अस्वास्थ्यकर होते हैं। बाजार के छोले-भटूरे, समोसे, पाव भाजी, तले हुए पदार्थ, बर्गर, पिज्जा, मैगी, पास्ता, चॉकलेट आदि सभी चीज़ें जंक फूड में आती हैं। अध्ययन के मुताबिक बच्चों को इनसे बचने की आदत डालना बहुत जरूरी है।

शोधकर्ताओं ने इस पर किए गए अध्ययन में पाया कि फल, सब्जी और दूध अधिक मात्रा में खाने वाले बच्चे, उतनी ही मात्रा में जंक फूड खाते हैं, जितना फल-सब्जी नहीं खाने वाले बच्चे खाते हैं। अमेरिका के ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसंधान दल के सदस्य फिलिस पिरे ने कहा, "यह आम धारणा है कि यदि आप लोगों को हेल्दी चीज़ें खाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, तो वे खुद ही हेल्थ खराब करने वाली चीज़ें खाना छोड़ देंगे।" दुर्भाग्य से ऐसा होता नहीं है। इसलिए लोगों को यह भी बताने की जरूरत है कि कौन-कौन सी खाने की चीज़ें हेल्थ के लिए अच्छी नहीं हैं और किन चीज़ों को खाने से परहेज करना चाहिए।

अभी बच्चों में मोटापा घटाने के लिए सिर्फ अच्छे भोजन पर ही जोर दिया जाता है, जबकि इस अनुसंधान की मानें तो उतना ही जोर खराब भोजन से बचने पर भी दिया जाना चाहिए।
यह अध्ययन शोध पत्रिका 'मैटर्नल एंड चाइल्ड हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित हुआ है।
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