
हम सभी जानते हैं कि हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना बहुत जरूरी है, लेकिन आज की भागती- दौड़ती जिंदगी में ज्यादातर लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, ऐसे में किसी का भी खाने- पीने, सोने, जागने का समय निश्चित नहीं है, जिस वजह से लोग नई-नई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. वहीं आपको बता दें, आर्युवेद में हेल्दी लाइफस्टाइल के कई नियम हैं, जिन्हें फॉलो कर आप स्वस्थ जीवन पा सकते हैं. इस बारे में विस्तार से सीपीयू-पीएसआई सेंटर फॉर ट्रेडिशनिटोनल मेडिसिन, योग और संस्कार के डायरेक्टर प्रोफेसर (मानद) राम अवतार बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
क्या है हेल्दी लाइफस्टाइल के आर्युवेदिक नियम? (Ayurvedic rules for a healthy lifestyle)
प्रोफेसर राम अवतार ने बताया कि हम सभी के लिए स्वस्थ रहना जरूरी है. ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए समय पर सोना और उठना चाहिए. वहीं अगर आप रात को 12 बजे सोते हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप देर से खाना खा रहे हैं, जिसे आर्युवेद में बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना गया है.
ये भी पढ़ें- डॉक्टर ने बताया हर दिन गेहूं की रोटी खाना क्यों है सेहत के लिए खतरे की घंटी

Photo Credit: iStock
उन्होंने कहा- आर्युवेद में सूर्य ढलने से पहले भोजन करने के लिए कहा जाता है, क्योंकि सूर्य की गर्मी से भोजन जल्दी पच जाता है, जो हमारे शरीर के लिए काफी अच्छा होता है. अगर हम देर से भोजन करते हैं, तो उसे पचने में भी काफी समय लगता है.
इसी के साथ प्रोफेसर राम अवतार ने बताया कि, हम में से ज्यादातर लोग नौकरी करते हैं, ऐसे में समय की कमी होने के कारण सूरज ढलने से पहले खाना नहीं खा पाते हैं. ऐसे में मेरी यही सलाह है कि सूरज ढलने के दो घंटे बाद तक आप खाना - खा सकते हैं, उस दौरान भी वातावरण में सूर्य की गर्मी बनी रहती है, जिसकी वजह से आपका खाना आसानी से पच सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार कैसे करना चाहिए भोजन? (Know how to eat according to Ayurveda)
प्रोफेसर राम अवतार ने कहा, आर्युवेद में जहां सूर्य ढलने से पहले भोजन करना अच्छा माना गया है, वहीं भोजन करने के दौरान या बाद में कुछ चीजों न करने की सलाह दी जाती है. जैसे भोजन करते ही सोने नहीं जाना है और भोजन के साथ- साथ पानी नहीं पीना चाहिए. इसी के साथ भोजन के हर निवाले को खूब चबा- चबा कर खाना चाहिए, यानी कम से कम 32 बार खाने को चबाना चाहिए. प्रोफेसर ने बताया, जितना हम खाने को चबाएंगे, उतना ही हमारी सेहत के लिए अच्छा होगा और हमारे दांत मजबूत होंगे. इसी के साथ ज्यादा खाना चबाने पर हमारी लार शरीर के भीतर जाएगी, जिसमें आयुर्वेद में 'अमृत' माना गया है.
अस्थमा पूरी तरह क्यों ठीक नहीं हो सकता? डॉक्टर ने क्या कहा जानिए
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं