विज्ञापन

9 बजे के बाद खाते हैं खाना तो जान लीजिए इसके नुकसान, रात को खाना खाने का सही समय क्या है?, Dr Hansaji ने बताया क्या है सही तरीका

Der Se Khana Khane Ke Nuksan: अगर आप भी रात को 9 बजे के बाद खाना खाते हैं तो अब आपको जरा संभल जाने की जरूरत है. क्योंकि आपकी ये आदत आपको धीरे-धीरे अंदर से ही कमजोर बना रही है.

9 बजे के बाद खाते हैं खाना तो जान लीजिए इसके नुकसान, रात को खाना खाने का सही समय क्या है?, Dr Hansaji ने बताया क्या है सही तरीका
Late Night Dinner Karne ke Nuksan: देर रात खाना खाने के नुकसान.

Late Night Dinner Side Effects: आजकल बहुत से लोग रात के 9:00 बजे के बाद डिनर करते हैं. कभी हैबिट की वजह से, कभी लंबी कम्यूट की वजह से या कभी दिन में मील मिस होने की वजह से. शायद आपको लगे कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन रोज लेट नाइट खाना आपके शरीर पर बुरा असर डाल सकता है. डॉक्टर हंसाजी ने बताया कि रात को 9:00 बजे के बाद खाना खाने से शरीर में क्या असर होता है. और इसके साथ ही उन्होंने कुछ टिप्स भी दिए हैं जिससे आप लेट नाइट खाने की आदत को सुधार सकते हैं. वो भी बिना अपने रूटीन को पूरी तरह से उल्टा पुल्टा किए. आइए पहले जानते हैं देर रात खाने के नुकसान.

देर रात खाना खाने के नुकासान ( Late Night Dinner Side Effects)

हमारा शरीर एक नेचुरल रिदम फॉलो करता है, जिसे हम सारकेनियन रिदम कहते हैं. यह क्लॉक हमारे स्लीप, डाइजेशन और हार्मोनल रिलीज को रेगुलेट करता है. रात को लेट खाना इस रिदम के खिलाफ जाता है और धीरे-धीरे यह समस्या पैदा करता है. 

स्लो डाइजेशन

डाइजेशन स्लो हो जाता है. सूर्यास्त होने के बाद हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो होने लगता है. अगर आप रात को हैवी खाना खाते हो तो शरीर को उसे तोड़ने में ज्यादा मेहनत लगती है. इससे डिसकंफर्ट, ब्लोटिंग, नींद डिस्टर्ब होना यह सब होता है. 

वजन बढ़ना

रात में देर से खाने से वजन बढ़ता है. अगर आप लेटा नाइट मील्स हैवी खाते हैं या उनमें ज्यादा शुगर, साल्ट या फैट होता है, तो फिर शरीर के लिए इस फूड को एनर्जी में कन्वर्ट करना मुश्किल हो जाता है. स्टडीज कहती है कि लेट खाना कैलोरी बर्न करने के रेट को कम कर देता है और फैट स्टोरेज बढ़ा देता है. टाइम के साथ यह वजन बढ़ने का कारण बन सकता है.

नींद खराब होना

रात में देर से खाने से नींद अच्छी नहीं आती. सोने से जस्ट पहले खाना खासकर स्पाइसी फ्राइड फूड, एसिड रिफ्लेक्स और हैवीनेस ट्रिगर करता है. इससे नींद डिस्टर्ब होती है और अगले दिन आपके मूड मेटाबॉलिज्म और एनर्जी सब पर असर पड़ता है. 

ब्लड शुगर लेवल्स 

देर रात खाने का असर ब्लड शुगर लेवल्स पर भी पड़ता है. याद रखिए रात को इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है. इसका मतलब आपका शरीर शुगर और कार्ब्स को अच्छी तरह से हैंडल नहीं कर सकता. अगर आप बार-बार रात को हैवी मील्स खाते हैं तो शुगर लेवल हाई रहता है. टाइम के साथ यह हाई ब्लड शुगर या प्री डायबिटिक्स का रिस्क बढ़ा सकता है. 

लेट नाइट खाने से बचने के टिप्स ( Der Me Khana Khane Se Bachne Ke Tips)

ये भी पढ़ें: सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं तुलसी, इन 5 रोगों के लिए है काल, जानिए सेवन का तरीका

डिनर सही टाइम पर करें

डिनर सही टाइम पर खाइए. कोशिश कीजिए कि डिनर 7:30- 8 तक खत्म हो जाए. सिर्फ लाइट स्नैक नहीं फुल बैलेंस्ड मील लीजिए जिसमें प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी, फैट यह सारी चीजें हो ताकि आप सेटिस्फाइड रहे. हालांकि सबके लिए यह पॉसिबल नहीं होता. कभी आप काम में होते हैं, ट्रैफिक में बिजी हो गए या फैमिली के साथ डिनर का वेट कर रहे हैं. क्योंकि डिनर अक्सर फैमिली बॉन्डिंग का टाइम होता है. लेकिन यह हैबिट कि रात को लेट खाना, डाइजेशन, मेटाबॉलिज्म, स्लीप क्वालिटी और अगले दिन की फ्रेशनेस सबको डिस्टर्ब करती है. हो सके तो अपना डिनर ऑफिस में ही ले लें और टाइम पर खा लें. 

नियम बनाएं

एक रूल बना लीजिए. 9:00 बजे के बाद मेन मील नहीं. समय पर खाना एक सेल्फ रिस्पेक्ट का साइन है. जब हम अपने शरीर के रिदम की इज्जत करते हैं तो लाइफ मक्खन की तरह चलती है. टिप दो. अगर भूख लगे तो कुछ लाइट जरूर खाइए. कभी-कभी 9-10 बजे भूख लग जाती है. ठीक है? कोई बात नहीं. बस इजीली डाइजेस्ट होने वाले ऑप्शंस चूज करें. बनाना, एप्पल, मुट्ठी भर नट्स, हर्बल टी ये तो ले ही सकते हैं. फ्राइड स्पाइसी या शुगरी फूड अवॉइड करें. 

ब्रश करें

डिनर के बाद ब्रश करें. यह सिंपल हैबिट ब्रेन को सिग्नल देता है कि आप खाने का टाइम ओवर. इससे आप फालतू की स्नैकिंग अवॉइड करते हैं.

ट्रिगर समझिए

अपने ट्रिगर समझिए. खुद से पूछिए क्या मैं सच में भूखा हूं या मैं टायर्ड स्ट्रेस्ड या बोर्ड हूं. तभी सिर्फ एक गिलास पानी शॉर्ट वॉक या जल्दी सो जाना भी प्रॉब्लम सॉल्व कर देता है. 

कभी-कभी 9:00 बजे के बाद हानिकारक नहीं है खाना खाना. लेकिन अगर यह डेली हैबिट बन गया है तो डाइजेशन, नींद और एनर्जी सब पर बुरा असर पड़ेगा. शरीर को रिदम और रूटीन पसंद है. जब आप अपने बॉडी क्लॉक के साथ सिंक होकर चलते हैं, आप ज्यादा एनर्जेटिक, एक्टिव और हेल्दी फील करते हैं. बस थोड़ी सी डिसिप्लिन और विल पावर चाहिए. छोटे-छोटे स्टेप्स में शुरू कीजिए. जैसे एक हफ्ते डिनर 9:00 बजे से पहले खाने का कमिटमेंट. आप खुद अपने शरीर में फर्क महसूस करेंगे. 

History of Samosa- Swaad Ka Safar | समोसे का इतिहास | जानें ईरान से भारत कैसे पहुंचा समोसा

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com