
गर्मी के सीजन ने दस्तक दे दी है और ऐसे में बाजारों में कई ऐसे फल दिखने लगे हैं, जिनके खाने के फायदे अनगिनत हैं. जल्द ही एक और फल दिखेगा और ये है ‘फालसा'! जिसे गुणों की खान कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि यह फल शरीर के पाचन तंत्र, डायबिटीज, पेट की जलन और दिल जैसी अन्य समस्याओं के लिए रामबाण माना गया है. ‘फालसा' को स्वदेशी फल भी कहा जाता है. इसे थाईलैंड और कंबोडिया में भी उगाया जाता है. वैज्ञानिक नाम ‘ग्रेविया एशियाटिका' है, जिसे भारत के शुष्क और अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में उगाया जाता है. इसकी खेती पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में बड़े पैमाने पर की जाती है. ‘फालसा' के फल को बहुत ही नाजुक माना जाता है, इसलिए इसे ज्यादा लंबी दूरी तक नहीं ले जाया जा सकता है.
अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ साइंस के मुताबिक, पके फालसा में विटामिन ए और सी लगभग 16.11 और 4.38 मिलीग्राम, कैल्शियम 820.32 मिलीग्राम/100 ग्राम, फॉस्फोरस 814.5 मिलीग्राम/100 ग्राम और आयरन 27.10 मिलीग्राम/100 ग्राम होता है, तो वहीं फाइबर की मात्रा भी जबरदस्त होती है. इसमें कैलोरी और फैट्स की मात्रा कम होती है. कुल मिलाकर पोषक तत्वों की खान है इन छोटे लेकिन दमदार फल में.
‘फालसा' का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है. एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व जैसे- मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन 'ए' और विटामिन 'सी' भरपूर मात्रा में होने के कारण यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, जो 'इम्युनिटी बूस्टर' का काम करता है.
चिकित्सकों की राय में खून की कमी होने पर इसके पके फल खाने चाहिए. इसके अलावा, अगर त्वचा में जलन हो तो सुबह और शाम इसका सेवन करना चाहिए, जो शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है. साथ ही गर्मियों में इसका सेवन करने से ‘लू' से बचा जाता है और इसका रस शरीर के लिए टॉनिक का काम करता है. इसका फल पित्त की समस्या को दूर करने, पाचन तंत्र को मजबूत बनाने, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करने, शरीर में कैंसर तथा एनीमिया जैसे रोगों से बचाने में भी काफी कारगर होता है.
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‘फालसा' पेट में जलन, दिमाग की कमजोरी, कमजोरी दूर करने, आग से जलने के दर्द को कम करने, पित्त-विकार, लू लगने, अस्थमा, दस्त रोकने, घाव को ठीक करने और अल्सर में फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, अपने टेस्ट और एक्सपर्ट की सलाह पर इसका सेवन करना चाहिए. चिकित्सीय सलाह इसलिए जरूरी है क्योंकि कुछ लोगों को कुछ खास हर्ब्स या फल से एलर्जी भी हो सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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