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This Article is From Jun 02, 2017

बालों में बेसन लगाए नरगिस ने जब दरवाजा खोला तो सामने राज कपूर खड़े थे..

दरवाजा खोलने के लिए नरगिस सामने आई. वह उस समय पकौड़े बना रहीं थीं. उनके हाथों में बेसन लगा हुआ था और बालों में भी. नरगिस की इस बेख्याली ने राज का दिल जीत लिया.

बालों में बेसन लगाए नरगिस ने जब दरवाजा खोला तो सामने राज कपूर खड़े थे..
संयोग ही है कि 1 जून को नरगिस का जन्मदिन होता है और 2 जून को राजकपूर की पुण्यतिथि
नई दिल्ली: अपनी अदाओं से दीवाना बना देने वाली नरगिस और राजकपूर की दोस्ती को लेकर बहुत सी कहानियां मायानगरी में सुनाई जाती हैं, लेकिन पुख्ता रूप में कुछ भी कहना मुश्किल है. वैसे नरगिस न सिर्फ अपनी एक्टिंग और खूबसूरती के लिए जानी जाती थीं बल्कि वह स्वभाव के लिए भी जानी जाती थीं. राज कपूर से उनका अफेयर था या नहीं उस पर ढेरों कहानियां मिलती हैं. एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में नरगिस के पति सुनील दत्त से राज और नरगिस को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था कि मुझे किसी की जिंदगी की बीती हुई बातों से क्या मतलब. नरगिस ने पत्नी का रिश्ता ईमानदारी से निभाया है.

'आवारा' के लिए नरगिस ने बेच दिए थे गहने 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- राजकपूर के दिल में नरगिस को लेकर क्या था इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है लेकिन एक बार नरगिस ने राज कपूर की मदद के लिए अपने गहने बेच दिए थे और यह बात राज कपूर की पत्नी को कृष्णा राज को भी पता था. दरअसल हुआ यह था कि फिल्म आवारा के गाने 'घर आया मेरा परदेसी' के गाने को भव्य सेट पर शूट करना चाहते थे और इसी चक्कर में उन्होंने 8 लाख रुपए खर्च कर डाले. साल 1951 में आई इस फिल्म के एक गाने पर इतने रुपए खर्च होना उस जमाने में बड़ी बात थी. राज कपूर की जेब एकदम खाली हो गई थी. उनके पास फिल्म की आगे की शूटिंग के लिए भी पैसा नहीं बचा था.  राज कपूर की परेशान देख नरगिस ने अपने गहने बेच डाले और सारे रुपए दे दिए तब जाकर फिल्म आवारा की शूटिंग पूरी हो पाई थी.

नरगिस के बालों में लगे बेसन ने राज पर कर दिया था जादू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- 1948 में नरगिस की मुलाकात पहली बार राज कपूर से हुई थी. तब तक वह आठ फिल्मों में काम कर चुकी थीं और हिंदी फिल्मों में वह जगह बना चुकी थीं. राज कपूर को उस समय अपनी पहली फिल्म के लिए स्टूडियो की तलाश थी. उस समय एक स्टूडियो में रोमियो एंड जूलियट  की शूटिंग चल रही थीं. इसमें नरगिस की मां जद्नबाई थीं. राज कपूर उस स्टूडियो में सुविधाओं के बारे में जानना चाहते थे. इसके लिए वह जद्दनबाई से मिलने उनके घर पहुंच गए. दरवाजा खोलने के लिए नरगिस सामने आई. वह उस समय पकौड़े बना रहीं थीं. उनके हाथों में बेसन लगा हुआ था और बालों में भी. नरगिस की इस बेख्याली ने राज का दिल जीत लिया. ऐसी ही एक सीन को ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की फिल्म बॉबी में भी दिखाया गया है. ये संयोग ही है कि 1 जून को नरगिस का जन्मदिन है तो 2 जून को राज कपूर की पुण्यतिथि

किताबों में भी जिक्र
राज और नरगिस की दोस्ती की कहानियों का जिक्र कई किताबों में भी हुआ है. कई किताबों में दावा किया गया है कि दोनों के प्यार का सबसे बड़ा गवाह आरके स्टूडियो है जो था तो राज कपूर लेकिन नरगिस के बिना इसकी कहानी अधूरी है.  

 

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