'नमो ऐप' के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अजेय भारत, अटल भाजपा, यह हम सब की प्रेरणा का बिंदु है. हमारे कार्यकताओं की मेहनत, सामर्थ्य, पुरुषार्थ और संकल्प के कारण ही आज हमें इस मुकाम पर पहुंचे है. पीएम मोदी ने बूथ कार्यकर्ताओं से कहा कि 'जड़ जितनी मजबूत होती है पेड उतना ही फलदाई और ताकतवर होता है'. मेरे लिए ये सौभाग्य का विषय है कि आज भारतीय जनता पार्टी की जड़ को सींचकर उसे एक घने वृक्ष रुपी पार्टी बनाने वाले ऐसे अनेक कार्यकताओं से बात करने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि देश के नए बन रहे आधुनिक एक्सप्रेसवे, साफ-स्वच्छ रेलवे स्टेशनों और अनेक शहरों में बन रही मेट्रो में कोई जाति या पंथ पूछकर एंट्री नहीं होगी. हमारे कार्यकताओं की मेहनत, सामर्थ्य, पुरुषार्थ और संकल्प के कारण ही आज हमें इस मुकाम पर पहुंचे है. पीएम मोदी ने क्या कहा...
10 बातें
- कई बार तो मुझे कांग्रेस के अनेक पुराने कार्यकर्ताओं पर, जिन्होंने संघर्ष किया है, ज़मीन पर काम किया है, उनके प्रति संवेदना का भाव आता है. उनका संघर्ष, उनका सामर्थ्य सिर्फ एक परिवार के काम ही आ रहा है. एक से एक समर्थ लोग परिवार के विकास की भेंट चढ़ गए हैं.
- बीते चार वर्षों ने कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगियों की पोल खोल दी है. पहले जनता ने उन्हें गवर्नेंस में असफलता, फैसले लेने की अक्षमता, भ्रष्टाचार के कारण बाहर का रास्ता दिखाया और जब विपक्ष की भूमिका निभाने का अवसर आया तो वहां भी वो फेल हो गए.
- बीजेपी सरकार सिर्फ नारे गढ़ती नहीं उन्हें धरातल की वास्तविकता तक ले जाती है. सबका साथ-सबका विकास- हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं बल्कि एक मंत्र की तरह पवित्र लक्ष्य है.
- ये देश का दुर्भाग्य है मोदी विरोध करते करते, भाजपा विरोध करते करते कुछ विपक्ष के राजनेता आपा खो बैठे और उन्होंने देश की सेना पर सवाल उठाए. देश का हर व्यक्ति अपनी सेना पर गर्व महसूस करता है। कठिन से कठिन और दुर्गम से दुर्गम परिस्थितियों में भी अगर हमारे लिए कोई दिन-रात एक करके तथा अपनी जान हथेली पर लेकर खड़ा है तो वे हमारी सेना के वीर जवान हैं.
- पहले सरकार का कोई जोर नहीं था कि देश का हर गांव सड़क से जुड़ जाए. अटल जी के समय शुरू हुई योजना, कछुए की रफ्तार से चल रही थी. अब पूछा जाता है कि कौन सा गांव बाकी रह गया.
- पहले गरीब के पास एक बैंक खाता हो, इस बारे में कोई सोचता तक नहीं था, अब आज पूछा जाता है कि ऐसा कौन सा घर है, जिसमें एक भी बैंक खाता नहीं है. पहले किसी को परवाह नहीं थी कि देश के हर गरीब के पास छत हो. आज पूछा जा रहा है कि कितने गरीबों के घर बनाने बाकी हैं.
- पहले, कितने घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचना बाकी है, इसको लेकर कोई गंभीरता नहीं थी। अब पूछा जाता है कि अब कितने घर बिजली कनेक्शन से बचे रह गए हैं.
- पहले इस बात पर माथापच्ची होती थी कितने एलपीजी कनेक्शन दिए जाएं, अब ये ढूंढा जा रहा है कि कहीं कोई गरीब उज्ज्वला योजना में छूट तो नहीं गया.
- पहले भ्रष्टाचार को सिस्टम का हिस्सा मान लिया जाता था, अब यह विश्वास जगा है कि काम पूरी पारदर्शिता के साथ होगा.
- आज पूरी दुनिया, दुनिया की नामी संस्थाएं कह रही हैं कि भारत बहुत तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है. चार वर्ष पहले भारत 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था था लेकिन आज हम छठे नंबर पर पहुंचे हैं.