
भारतीय रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा रेपो रेट और और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आरबीआई की समिति ने अपनी बैठक में जीएसटी के प्रभावों पर भी चर्चा की है और आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान 7.3 से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. इससे पहले आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा से पहले मंगलवार को शेयर बाजार में तेजी का रुख देखा गया था. हालांकि आज शेयर बाजार में आज स्थिरता थी.
आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा की खास बातें
प्रमुख नीतिगत दर को छह प्रतिशत पर यथावत रखा गया है.
रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं. इसको 5.75 फीसदी पर रखा गया है.
2017-18 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत किया.
दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति 4.2 से 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान.
जीएसटी लागू होने की वजह से लघु अवधि में विनिर्माण क्षेत्र की संभावनाएं अनिश्चित.
मुख्य मुद्रास्फीति को टिकाऊ आधार पर चार प्रतिशत के करीब रखने का लक्ष्य.
केंद्रीय बैक बैंकों के बही खाते से कंपनियों की दबाव वाली संपत्तियों के हल के लिए काम करेगा.
हालिया संरचनात्मक सुधारों से कारोबारी धारणा, पारदर्शिता और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने को लेकर स्थिति सुधरी.
केंद्रीय बैंक ने ठहरी निवेश परियोजनाओं को शुरू करने, कारोबार सुगमता में सुधार और जीएसटी सरलीकरण के लिये समन्वित कोशिशों को बल देने की चर्चा.
राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले काफी ऊंचे स्टाम्प शुल्क की दरों को तर्कसंगत बनाने का सुझाव. सस्ते आवास कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने पर बल.
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-6 दिसंबर को.