Putrada Ekadashi Vrat Remedies: सनातन परंपरा में पौष मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व माना गया हैं. जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इसका संबंध पुत्र या फिर कहें संतान से है. मान्यता है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर साधक को संतान का सुख प्राप्त होता है. पुत्रदा एकादशी के पुण्य प्रभाव से साधक की संतान के सुख और आयु में वृद्धि होती है. जिस पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से साधक के जीवन से जुड़े पाप, दोष आदि दूर हो जाते हैं और उसे अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्यफल प्राप्त होता है, आइए उससे जुड़ी पूजा के सरल एवं प्रभावी उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं.

स्नान से प्रसन्न होंगे विष्णु भगवान
हिंदू मान्यता के अनुसार श्री हरि के लिए रखे जाने वाले एकादशी व्रत वाले दिन गंगा स्नान का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. एकादशी वाले दिन जब साधक मां गंगा के अमृत जल में स्नान करके तन और मन से पवित्र हो जाता है और श्री हरि की साधना करता है तो उसकी साधना शीघ्र ही सफल होती है. गंगा स्नान से उसके सारे दोष दूर हो जाते हैं.

मंत्र से पूरी होगी मनोकामना
हिंदू धर्म में किसी भी देवी या देवता की पूजा में मंत्र का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपके द्वारा रखा गया एकादशी व्रत सफल हो और आप पर भगवान विष्णु की पूरी कृपा बरसे तो आपको इस व्रत वाले दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करना चाहिए. इस मंत्र का जाप पीले चंदन अथवा तुलसी की माला से करें तथा आसन भी पीले रंग का प्रयोग करें.

दिये से दूर होंगे सारे दु:ख
हिंदू मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु और विष्णुप्रिया कहलाने वाली तुलसी माता के पास शुद्ध देशी घी का दीया जलाने से व्यक्ति के जीवन से जुड़े सारे दुख दूर हो जाते हैं और उसे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. एकादशी के दिन श्री हरि और तुलसी माता के लिए गाय के दूध से बने घी का दीया जलाना चाहिए और तुलसी जी की कम से कम 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए.

शंख से करें अभिषेक
एकादशी व्रत की पूजा में श्री हरि का शंख के जल से भगवान श्री विष्णु जी के अभिषेक का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता है कि पूजा के इस उपाय से न सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है. मान्यता है कि पूजा के इस उपाय से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी साध के घर में हमेशा वास करती हैं.

दान से होगा कल्याण
हिंदू मान्यता के अनुसार व्रत-पर्व आदि पर दान का बहुत ज्यादा महत्व होता है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति व्रत या देवता विशेष से जुड़ी प्रिय चीजों का दान जरूरतमंद लोगों को करता है, तो उसकी साधना शीघ्र ही सफल होती है.
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ऐसे में पुत्रदा एकादशी के दिन साधक को किसी मंदिर के पुजारी को पीले वस्त्र, पीले फल, चने की दाल, आदि का दान करना चाहिए. एकादशी के दिन गाय को चारा आदि का दान करने का भी बहुत ज्यादा महत्व माना गया है.

एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?
एकादशी व्रत में अन्न एवं तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन गाय का दूध और उससे बनी चीजें पनीर, खोवा, घी, फल, मखाना, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा आदि का सेवन कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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