हिंदू धर्म में पूर्णिमा (Purnima 2022) का विशेष महत्व है. हर माह की आखिरी तिथि पूर्णिमा (Purnima) होती है, जिसके बाद नए माह की शुरुआत होती है. ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी की पूजा (Maa Lakshmi) करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है. कहते हैं कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. इस साल पौष माह की पूर्णिमा (Paush Month Purnima 2022) 17 जनवरी यानि आज पड़ रही है, जिसके बाद 18 जनवरी यानि कल से नए माह माघ (Magh Month 2022) की शुरुआत होगी. पूर्णिमा के दिन स्नान-ध्यान समेत पूजा, जप तप और दान का विधान है. पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन पूजा के समय माता को गुलाबी रंग के फूल जरूर अर्पित करना चाहिए.
मां लक्ष्मी की पूजा की विधि
माता लक्ष्मी की पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई कर लें.
घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
घर को अच्छे से सजाएं और मुख्य द्वार पर रंगोली बना लें.
पूर्णिमा के दिन मुख्य द्वार समेत घर के दरवाजों पर तोरण लगाना शुभ माना जाता है.
इस दिन मुख्य द्वार समेत अन्य दरवाजों पर आम और अशोक के पत्तों का तोरण अवश्य लगाएं.
इसके साथ ही दरवाजे पर स्वास्तिक अवश्य बनवाएं.
पूर्णिमा के दिन मंदिर में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और व्यापार यंत्र जरूर स्थापित करें.
पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर वहां देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें.
चौकी के पास जल से भरा कलश रख दें.
माता लक्ष्मी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं.
दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली,गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें.
मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद मां को गुलाबी रंग के फूल अर्पित करें. बता दें कि मां को गुलाबी रंग अति प्रिय है.
माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं.
इस दिन जितना संभव हो सके और भक्ति भाव के साथ दान करना चाहिए.
गरीबों और जरूरतमंदों को अवश्य दान करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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