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This Article is From Jan 17, 2022

Paush Purnima 2022: साल की पहली पौष पूर्णिमा आज, जानिए चंद्रोदय समय और इसका महत्व

पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा होती है. साल 2022 की पहली पौष पूर्णिमा आज (17 जनवरी) सोमवार के दिन मनाई जा रही है. आइए जानते हैं कि आज पौष पूर्णिमा पर कौन सा योग बन रहा है और इसके साथ ही चंद्रोदय का समय.

Paush Purnima 2022: साल की पहली पौष पूर्णिमा आज, जानिए चंद्रोदय समय और इसका महत्व
Paush Purnima 2022: जानिए पौष पूर्णिमा का महत्व और चंद्रोदय का समय
नई दिल्ली:

शास्त्रों में पौष माह की पूर्णिमा का बहुत महत्व बताया गया है. साल 2022 की पहली पौष पूर्णिमा आज (17 जनवरी) सोमवार के दिन मनाई जा रही है. इस तिथि पर शाकंभरी देवी की जयंती भी मनाई जाती है. आज के दिन से ही कल्पवास की भी शुरुआत हो जाती है. पौष पूर्णिमा के दिन व्रत रखने, चंद्रमा (Chandrama) और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा का विधान है. आज के दिन बनारस में दशाश्वमेघ और त्रिवेणी संगम में स्न्नान का बहुत धार्मिक महत्व माना गया है. मान्यता है कि आज के दिन की जाने वाली पूजा और व्रत से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. वहीं, आज के दिन स्नान-दान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है ऐसा माना जाता है. आइए जानते हैं कि आज पौष पूर्णिमा पर कौन सा योग बन रहा है. इसके साथ ही चंद्रोदय का समय.

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पौष पूर्णिमा 2022 तिथि | Paush Purnima 2022 Date

  • पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 17 जनवरी दिन सोमवार को 03 बजकर 18 मिनट से है.
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त- 18 जनवरी दिन मंगलवार को प्रात: 05 बजकर 17 मिनट तक है.
  • पूर्णिमा के चंद्रमा का उदय- 17 जनवरी को होगा, इसलिए पौष पूर्णिमा आज 17 जनवरी को है.

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पौष पूर्णिमा 2022 चंद्रोदय समय | Paush Purnima 2022 Chandrodaya Time

  • पौष पूर्णिमा के दिन आज चंद्रमा के उदय का समय- शाम को 05 बजकर 10 मिनट पर है.
  • इस दिन का शुभ मुहूर्त- दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक है.

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सर्वार्थ सिद्धि योग में पौष पूर्णिमा | Paush Purnima In Sarvartha Siddhi Yog

बता दें कि आज पौष पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रही है. आज (सोमवार) के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 04:37 बजे से अगले दिन (मंगलवार) 18 जनवरी को प्रात: 07:15 बजे तक है. पंचांग में पूर्णिमा के बाद से नए माह का प्रारंभ होता है. दरअसल, पूर्णिमा को पूर्णमासी भी कहते हैं. यही वजह है कि इस दिन के चांद को पूर्णमासी का चांद भी कहा जाता है. पूर्णमासी का अर्थ उस मास के पूर्ण होने से है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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