Magh Purnima 2023: हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार माघ पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है. इस पूर्णिमा पर खासतौर से दान, स्नान और पूजा-पाठ की मान्यता है. भक्त माघ पूर्णिमा के दिन मान्यतानुसार गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम स्थल पर स्नान करते हैं. इस पूर्णिमा को माघिन पूर्णिमा और माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) भी कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं जिस चलते स्नान-दान (Snan-Daan) करने से वे प्रस्न्न होते हैं. माघ पूर्णिमा के महत्व की बात करें तो इस दिन प्रयागराज में गंगा स्नान (Ganga Snan) करने पर माना जाता है कि देवतागण भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इसके साथ ही दान, स्नान और जप करने पर अपने आराध्य का आशीर्वाद भी मिलता है.
माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त | Magh Purnima Shubh Muhurt
पंचांग के अनुसार आने वाली 4 फरवरी के दिन शनिवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर माघ पूर्णिमा शुरू हो रही है. वहीं, इसका समापन 5 फरवरी, रविवार रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार देंखें तो माघ पूर्णिमा 5 फरवरी के दिन ही मनाई जाएगी.
5 फरवरी के दिन ही सर्वाद्ध सिद्ध योग की शुरूआत हो रही है. सुबह 7 बजकर 7 मिनट से लेकर 12 बजकर 13 मिनट तक सर्वाद्ध सिद्ध योग रहेगा. इस दिन पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र का निर्माण भी हो रहा है जिसे माघ पूर्णिमा के लिए बेहद शुभ मानते हैं.
माघ पूर्णिमा की पूजा विधि
सुबह सवेरे उठकर ब्रह्मा मुहूर्त में स्नान किया जाता है. जो लोग गंगा के आस-पास नहीं रहते वे घर पर ही पानी में जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. स्नान के उपरांत "ऊं नमो नारायण:" मंत्र का जाप किया जाता है. इसके बाद सूर्य देव (Surya Dev) का पूजन किया जाता है. सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है. भोग में चरणामृत, पान, रोली, फल, तिल, सुपारी और कुमकुम आदि अर्पित किए जाते हैं. इसके पश्चात आरती और प्रार्थना करते हैं. इस दिन धन की देवी लक्ष्मी का पूजन भी किया जाता है. इसके पश्चात दान किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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