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This Article is From Aug 08, 2022

Last Sawan Somvar 2022: सावन का आखिरी सोमवार व्रत आज, कर लें बस ये उपाय, शिवजी होंगे प्रसन्न

Last Sawan Somvar 2022: आज सावन मास के आखिरी सोमवार का व्रत रखा जा रहा है. ऐसे में सिर्फ ये काम करने से शिवजी प्रसन्न होंगे.

Last Sawan Somvar 2022: सावन का आखिरी सोमवार व्रत आज, कर लें बस ये उपाय, शिवजी होंगे प्रसन्न
Last Sawan Somvar 2022: सावन के अंतिम सोमवार पर ऐसे करें शिवजी की प्रसन्न.

Last Sawan Somvar 2022: सावन मास का चौथा और आखिरी सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat) आज है. पवित्र सावन मास का सोमवार भगवान शिव की पूजा (Shiv Puja) के लिए बेहद खास होता है. इस दिन की गई शिवजी की पूजा मंगलकारी मानी गई है. कहा जाता है कि सावन सोमवार (Sawan Somvar) के दिन व्रत रखकर विधि पूर्वक भगवान शिव की (Lord Shiva) उपासना करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है. सावन मास की शुरुआत 14 जुलाई, 2022 से हुई थी. जिसके बाद क्रमशः 18 जुलाई, 25 जुलाई, 01 अगस्त सावन के सोमवार पड़े. आज 08 अगस्त को सावन मास का अंतिम सोमवार है. जबकि 12 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा के साथ ही सावन मास की समाप्ति होगी. 

आज है सावन मास का आखिरी सोमवार | Last Sawan Somvar 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास का चौथा और अंतिम सोमवार का व्रत आज रखा जा रहा है. आज सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी. इसे पुत्रदा एकादशी भी कहते हैं. इस दिन संतान की कामना पूर्ति के लिए व्रत रखा जाता है. साथ ही भगवान विष्णु से जीवन में उन्नति और संपन्नता की प्रार्थना की जाती है. यानी आज भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी उत्तम संयोग बना है.

Last Sawan Somvar 2022: सावन का चौथा और अंतिम सोमवार व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि

आज इस समय तक रहेगा अभिजित महूर्त 

अभिजित मुहूर्त पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है. पंचांग के अनुसार आज अभिजित मुहूर्त का खास संयोग सुबह 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है.

सावन आखिरी सोमवार उपाय | Last Sawan Somvar Upay

सावन का महीना पूर्णरूप से भगवान शिव को समर्पित है. मान्यता है कि भोलेनाथ भक्तों को भक्ति से सबसे पहले प्रसन्न होने वाले देवता है. कहा जाता है कि इस दिन सिर्फ एक लोटा जल से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है. ऐसे में आज अभिजित मुहूर्त में पूरी श्रद्धा के साथ एक लोटा जल में गंगाजल और बेलपत्र मिलाकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं. इस दौरान ओम् नमः शिवाय का जाप करना शुभ रहेगा.

Sawan Putrada Ekadashi Vrat 2022: सावन मास की पुत्रदा एकादशी आज, जानें व्रत कथा और पूजा-विधि

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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