Janmashtami 2022, Krishna Chalisa: जन्माष्टमी का पर्व आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. कान्हा जी का जन्मोत्सव मनाने के लिए मंदिरों में भव्य सजावट की कई है. जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत और पूजन करते हैं. कहा जाता है कि जो कोई पूरे विधि-विधान से जन्माष्टमी (Janmashtami Vrat 2022) का व्रत रखता है उसे श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है. धार्मिक मान्यतानुसार, इस दिन श्रीकृष्ण चालीसा का (Krishna Chalisa) पाठ करने से सौभाग्य की प्राप्त होती है. साथ ही कष्टों का नाश होता है. आइए जानते हैं कि आज जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण चालीसा का पाठ कैसे करें.
जन्माष्टमी पर ऐसे कराएं कान्हा जी का जन्म
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. ऐसे में जन्माष्टमी पर आज रात 12 बजे खीरा काटकर कान्हा जी का जन्म कराएं. इसके बाद कान्हा जो को माखन और मिश्री का भोग लगाएं. मान्यतानुसार इस दिन घर में छोटे बच्चों द्वारा श्रीकृष्ण चलीसा का पाठ जरूर कराना चाहिए. अगर घर में छोटे बच्चे नहीं हैं तो खुद भी श्रकृष्ण चालीसा का पाठ कर सकते हैं. माना जाता है कि ऐसा करना शुभ होता है.
कृष्ण चालीसा | Krishna Chalisa
दोहा
बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम
अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज
जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज
करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज
चौपाई
जय यदुनन्दन जय जगवन्दन, जय वसुदेव देवकी नन्दन
जय यशुदा सुत नन्द दुलारे, जय प्रभु भक्तन के दृग तारे
जय नट-नागर नाग नथैया, कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया
पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो, आओ दीनन कष्ट निवारो
वंशी मधुर अधर धरी तेरी।होवे पूर्ण मनोरथ मेरो
आओ हरि पुनि माखन चाखो।आज लाज भारत की राखो
गोल कपोल, चिबुक अरुणारे।मृदु मुस्कान मोहिनी डारे
रंजित राजिव नयन विशाला।मोर मुकुट वैजयंती माला
कुण्डल श्रवण पीतपट आछे, कटि किंकणी काछन काछे
नील जलज सुन्दर तनु सोहे, छवि लखि सुर नर मुनिमन मोहे
मस्तक तिलक, अलक घुंघराले, आओ कृष्ण बांसुरी वाले
करि पय पान, पुतनहि तारयो, अका बका कागासुर मारयो
मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला, भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला
सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई, मसूर धार वारि वर्षाई
लगत-लगत ब्रज चहन बहायो, गोवर्धन नखधारि बचायो
लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई, मुख महं चौदह भुवन दिखाई
दुष्ट कंस अति उधम मचायो, कोटि कमल जब फूल मंगायो
नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें, चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें
करि गोपिन संग रास विलासा, सबकी पूरण करी अभिलाषा
केतिक महा असुर संहारयो, कंसहि केस पकड़ि दै मारयो
Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर जरूर करें ये आरती और व्रत कथा, श्रीकृष्ण का मिलेगा आशीर्वाद
मात-पिता की बन्दि छुड़ाई, उग्रसेन कहं राज दिलाई
महि से मृतक छहों सुत लायो, मातु देवकी शोक मिटायो
भौमासुर मुर दैत्य संहारी, लाये षट दश सहसकुमारी
दै भिन्हीं तृण चीर सहारा, जरासिंधु राक्षस कहं मारा
असुर बकासुर आदिक मारयो, भक्तन के तब कष्ट निवारियो
दीन सुदामा के दुःख टारयो, तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो
प्रेम के साग विदुर घर मांगे, दुर्योधन के मेवा त्यागे
लखि प्रेम की महिमा भारी, ऐसे श्याम दीन हितकारी
भारत के पारथ रथ हांके, लिए चक्र कर नहिं बल ताके
निज गीता के ज्ञान सुनाये, भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये
मीरा थी ऐसी मतवाली, विष पी गई बजाकर ताली
राना भेजा सांप पिटारी, शालिग्राम बने बनवारी
निज माया तुम विधिहिं दिखायो, उर ते संशय सकल मिटायो
तब शत निन्दा करी तत्काला, जीवन मुक्त भयो शिशुपाला
जबहिं द्रौपदी टेर लगाई, दीनानाथ लाज अब जाई
तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला, बढ़े चीर भै अरि मुंह काला
Janmashtami 2022 Bhajans: जन्माष्टमी पर इन भजनों से करें श्री कृष्ण को प्रसन्न, बरसेगी विशेष कृपा
अस नाथ के नाथ कन्हैया, डूबत भंवर बचावत नैया
सुन्दरदास आस उर धारी, दयादृष्टि कीजै बनवारी
नाथ सकल मम कुमति निवारो, क्षमहु बेगि अपराध हमारो
खोलो पट अब दर्शन दीजै, बोलो कृष्ण कन्हैया की जै
दोहा
यह चालीसा कृष्ण का, पाठ करै उर धारि
अष्ट सिद्धि नवनिधि फल, लहै पदारथ चारि
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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