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This Article is From Mar 07, 2022

lord shiva : भगवान शिव के हैं परम भक्त तो आपको जरूर पता होनी चाहिए अपने प्रभु के जन्म की यह अद्भुत कहानी

bholenath ke janam ki kahani : भगवान शिव (Lord Shiva) के जन्म को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. भगवान शिव का जन्म कब हुआ, कहां हुआ, कैसे हुआ, इसके बारे में पुराणों में कई अलग बातें कही गई हैं. भोलेनाथ के जन्म से जुड़ी ऐसी ही एक कहानी है.

lord shiva : भगवान शिव के हैं परम भक्त तो आपको जरूर पता होनी चाहिए अपने प्रभु के जन्म की यह अद्भुत कहानी
lord shiva : विष्णु पुराण में बताया गया है कि शंकर भगवान के माथे से निकलते तेज से शिव की उत्पति हुई थी.

Lord Shiva Birth Story : भगवान शिव (Lord Shiva) के जन्म को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. भगवान शिव का जन्म कब हुआ, कहां हुआ, कैसे हुआ, इसके बारे में पुराणों में कई अलग बातें कही गई हैं. भोलेनाथ के जन्म से जुड़ी ऐसी ही एक कहानी है. शिव पुराण (shiv puran in hindi) में लिखा है कि भोलेनाथ स्वयंभू हैं, यानी भगवान शिव का जन्म अपने आप ही हुआ है. वहीं, विष्णु पुराण (vishnu puran) में बताया गया है कि शंकर भगवान के माथे से निकलते तेज से शिव की उत्पति हुई थी और उनके नाभि से निकलते हुए कमल से ब्रह्मा जी का जन्म हुआ था.

विष्णु पुराण में है ये शिव कथा | This Shiva story is in Vishnu Purana

विष्णु पुराण (vishnu puran) में भगवान शिव के जन्म से जुड़ी एक कथा बहुत प्रचलित है. कथा के मुताबिक, ब्रह्मा जी को एक बार एक बच्चे की जरुरत थी. इसके लिए उन्होंने कठिन तपस्या की. तपस्या के फल के रूप में ब्रम्हा जी को एक रोता हुआ बालक उनकी गोद में प्राप्त हुआ. ये बालक और कोई नहीं शिव भगवान थे. जब ब्रह्मा जी ने बालक से उसके रोने की वजह जाननी चाही तो उस बालक ने बहुत ही मासूमियत से जवाब दिया कि उसका कोई नाम नहीं है. यही वजह है कि वो रो रहा है. ये सुनकर ब्रह्मा जी ने बच्चे का नाम रूद्र रखा.

ये है भोलेनाथ के जन्म से जुड़ी दूसरी कथा  | pauranik katha in hindi

विष्णु पुराण (vishnu puran) में एक पौराणिक कथा (pauranik katha in hindi) ये भी है कि ब्रह्मा जी पुत्र के रूप में भोलेनाथ ने जन्म लिया था. इसके मुताबिक, जब धरती, आकाश, पाताल समेत पूरा ब्रह्माण्ड जलमग्न था तब सिर्फ ब्रह्मा, विष्णु और महेश ही थे जो देव या प्राणी के रूप में मौजूद थे. जल सतह पर सिर्फ विष्णु भगवान ही लेटे थे. तब उनकी नाभि से कमलनाल पर ब्रह्मा जी प्रकट हुए थे. वहीं, जब दोनों सृष्टि के बारे में बातचीत कर रहे थे तब शिव जी प्रकट हुए. लेकिन ब्रह्मा जी ने उन्हें पहचानने से साफ मना कर दिया था. भगवान विष्णु ने भगवान शिव को नाराज होने से रोकने के लिए ब्रह्मा को शिव की याद दिलाई. तब ब्रह्मा को शिव की याद आई और ब्रह्मा जी को अपनी गलती का अहसास हुआ. इसके बाद खुद शिव नाराज हो गए थे. उन्होंने शिव से क्षमा मांगी. साथ ही आशीर्वाद मांगा कि भोलेनाथ उनके पुत्र के रूप में पैदा हों. इस बात को शिव ने स्वीकार किया.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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