
Navratri kalah visarjan : 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि का आगाज हो चुका है. अब पूरे नौ दिन घरों और मंदिरों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. नवरात्रि के 9 (navratri puja niyam) दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों के लिए निश्चित हैं, उसी के अनुसार मां की आरती स्तुति और पाठ किया जाता है. आपको बता दें कि नवरात्रि की शुरूआत कलश स्थापना (kalash sthapana niyam) के साथ होती है. ऐसे में हर किसी के दिमाग में रहता है कि नवरात्रि के समापन के बाद कलश के पानी और नारियल (nariyal pani ka kya karen) का क्या करना चाहिए...
नवमी के बाद कलश का क्या करें - Navami ke bad kalash ka kya karen
नवमी तिथि के बाद कलश को पूजा स्थल से हटा देना चाहिए. उसका विसर्जन कर दीजिए, लेकिन आपको कलश विसर्जन हमेशा शुभ मुहूर्त में करना चाहिए.
कलश पर रखे नारियल का क्या करें- navami ke bad nariyal ka kya karen
नवरात्रि में रखे जाने वाले कलश के ऊपर नारियल को या तो फोड़कर प्रसाद के रूप में खा लीजिए या तो इसे लाल कपड़े में बांधकर घर के मंदिर या तिजोरी में रख सकते हैं. नहीं, तो फिर आप इसे जल में प्रवाहित कर सकते हैं.
कलश के जल का क्या करें - Kalsh ke jal ka kya karen
कलश के जल को आप पूरे घर में छिड़क सकते हैं. इसके अलावा आप इस पानी को नीम के पेड़, पीपल, बरगद में डाल दीजिए. इसे आप पेड़ पौधे में भी डाल सकते हैं.
अखंड ज्योति का क्या करें -Akhand kyoti ka kya karen
वहीं, अखंड ज्योति समापन के बाद बुझाने की कोशिश न करिए. यह शुभ नहीं माना जाता है. समापन के बाद आप इसकी बत्ती निकालकर अलग कर लीजिए फिर इसमें बचे हुए तेल को दोबारा से पूजा में इस्तेमाल करिए. क्योंकि इसका तेल बहुत पवित्र माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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