- चीन ने बांग्लादेश को डेब्ट ट्रैप में फंसाने के लिए पाकिस्तान के जैसे रणनीति अपनाई है
- बांग्लादेश ने हाल ही में चीन से SY-400 बैलिस्टिक मिसाइलें खरीदी हैं जो सटीक मारक क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं
- बांग्लादेश के 70 प्रतिशत हथियार हाल के समय में चीन से आए हैं और J-10 लड़ाकू विमानों की खरीद चर्चा में है
बांग्लादेश कभी भारत का सबसे भरोसेमंद साथी माना जाता था, अब वहां चीन की बढ़ती मौजूदगी दिखाई दे रही है. शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अस्थिरता का फायदा उठाकर चीन अब बांग्लादेश में अपने पैर पसारने की फिराक में है. जानकारों का मानना है कि चीन ने बांग्लादेश को अपने डेब्ट ट्रैप में फंसाने के लिए वही पुराना फॉर्मूला अपनाया है जो उसने पाकिस्तान के साथ किया था. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने हाल के दिनों में चीन से रक्षा सौदों में भारी बढ़ोतरी की है.
SY-400 मिसाइल डील
बांग्लादेश ने चीन से मॉर्डन SY-400 कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें खरीदी हैं. ये मिसाइलें अपनी सटीक मारक क्षमता के लिए जानी जाती हैं.
हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर
हालिया समय में यूनुस सरकार ने बांग्लादेश के 70% हथियार अकेले चीन से आए हैं.
J-10 फाइटर जेट
हवा में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बांग्लादेश चीन के J-10 लड़ाकू विमानों की खरीद की भी चर्चा रही है.
चीन ने बांग्लादेश को लुभाने के लिए हथियारों की कीमतें बेहद कम रखी हैं और आसान किस्तों पर कर्ज दिया है. शुरुआत में बांग्लादेश को यह फायदेमंद लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे चीन ने पाक की तरह बांग्लादेश में पैर पसारना शुरू कर दिया है.
भारत बॉर्डर के पास चीनी मिलिट्री बेस?
सबसे बड़ा खतरा हथियारों की खरीद नहीं, बल्कि उसके पीछे का छिपा हुआ एजेंडा है. चीन ने पहले निवेश के नाम पर बांग्लादेश में पैठ बनाई और अब वह भारतीय सीमा के पास मिलिट्री बेस बनाने की योजना पर काम कर रहा है. शेख हसीना की सरकार के समय भारत की मौजूदगी की वजह से चीन के लिए यह संभव नहीं था, लेकिन अभी की अस्थिरता ने चीन को एक सुनहरा मौका दे दिया है. जानकार मानते हैं कि चीन ये प्लान भारत की घेराबंदी के लिए तैयार कर रहा है.
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