- इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने एलवीएम-3 बाहुबली रॉकेट की सफल लॉन्चिंग पर खुशी जताई है.
- एलवीएम-3 ने अमेरिका के लिए वाणिज्यिक लॉन्च के तहत ब्लू बर्ड सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया.
- यह इसरो का 104वां प्रक्षेपण है और एलवीएम-3 का नौवां सफल मिशन है, जो इसकी विश्वसनीयता दर्शाता है.
मिशन से पहले बेचैनी. कभी सामने की स्क्रीन पर देख रहे तो कभी आसपास. इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन के जेहन में बाहुबली रॉकेट एवीएम-3 की लॉन्चिंग के पहले काफी उमड़-घुमड़ मच रहा था. फिर जैसे ही मिशन की लॉन्चिंग हुई. वो एकदम से स्क्रीन पर चिपक गए. मिशन की लॉन्चिंग जैसे-जैसे अगले चरण में पहुंच रही थी वैसे-वैसे नारायणन के चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी. जैसे ही अमेरिकी सैटेलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया. कुर्सी पर चिपककर बैठे नारायणन खुशी से उछल पड़े. फिर उन्होंने मिशन के डायरेक्टर की पीठ थपथपाई. इसके बाद उनके फोन पर मैसेज की बाढ़ आई हुई थी. फिर उनके पास एक फोन आता है और वो उसपर बात करते हुए आगे निकलते हैं.
फोन पर बात करते हुए उनके चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि इसरो ने क्या हासिल किया. मंच पर पहुंचते ही नारायणन ने कहा... मैं अत्यंत हर्ष के साथ बताता हूं कि एलवीएम-3 बाहुबली रॉकेट लॉन्च वीइकल सफलता के साथ ब्लू बर्ड सैटेलाइट को अंतरिक्ष के कक्षा में स्थापित कर दिया है. यह पहली बार कर्मशियल लॉन्च है, हमने कस्टमर अमेरिका के लिए ये लॉन्च किया है.

इसरो के लिए बधाइयों का तांता
उन्होंने बताया कि श्रीहरिकोटा से यह हमारा 104वां प्रक्षेपण है, साथ ही एलवीएम-3 प्रक्षेपण व्हीकल का यह 9वां सफल मिशन है, जो इसकी 100% विश्वसनीयता को दर्शाता है और महज 52 दिनों में एलवीएम-3 का लगातार दूसरा मिशन है.
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसरो के ‘बाहुबली' रॉकेट LVM3 ने AST SpaceMobile के नेक्स्ट-जेन कम्युनिकेशन सैटेलाइट BlueBird-6 के साथ उड़ान भरी है. इसरो के इतिहास में 6100 किलो के सबसे भारी सैटेलाइट को ले जाने और उसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने के बाद देश भर में बधाइयों का तांता लगा है. इस मौके पर इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि यह पहली बार कर्मशियल लॉन्च है, हमने कस्टमर अमेरिका के लिए ये लॉन्च किया है.
इसलिए बेहद खास है ब्लू बर्ड ब्लॉक-2
यह मिशन अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल के साथ हुए वाणिज्यिक समझौते का हिस्सा है. इस सैटेलाइट को दुनिया भर के स्मार्टफोनों को सीधे हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 अंतरिक्ष यान एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया जाने वाला सबसे भारी पेलोड है और इसका वजन करीब 6100 किलो है.
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