दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते मेट्रो ट्रेन में माचिस पर रोक लगाने की मांग की है
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार ने सीआईएसएफ को पत्र लिख कर मेट्रो ट्रेनों और स्टेशन परिसर में यात्रियों को माचिस और लाइटर लेकर जाने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है क्योंकि इससे धूम्रपान को बढ़ावा मिलता है. अपने इस पत्र में स्वास्थ्य विभाग ने लिखा है कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) हवाई अड्डों पर ऐसी वस्तुओं को ले जाने की अनुमति नहीं देता है और उन्हीं कारणों से डीएमआरसी परिसरों में भी इन वस्तुओं के ले जाने पर प्रतिबंध होना चाहिए.
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पिछले महीने स्वास्थ्य विभाग ने इस सिलसिले में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को सख्त अनुपालन नोटिस जारी किया था. डीएमआरसी ने जनवरी में प्रतिबंधित वस्तुओं की अपनी सूची से माचिस और लाइटर को बाहर कर दिया था. अब किसी यात्री को मेट्रो ट्रेनों और स्टेशन परिसरों में एक माचिस और एक लाइटर ले जाने की अनुमति है.
दिल्ली मेट्रो के किराए में मिलेगी राहत?
दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) डॉक्टर एसके अरोड़ा ने बताया कि जानकारी मिली है कि सीआईएसएफ डीएमआरसी को सुरक्षा प्रदान करती है, जो गृह मंत्रालय के अन्तर्गत एक स्वतंत्र सरकारी इकाई के रूप में काम करती है और यात्रियों की सीआईएसएफ द्वारा सुरक्षा जांच के बाद इन वस्तुओं (लाइटर और माचिस) की अनुमति प्रदान की गई. अरोड़ा ने अपने पत्र में ना केवल धुआं के खतरों से गैर-धूम्रपान करने वाले लोगों को बचाने के लिए लोक स्वास्थ्य हितों के वास्ते तुरंत कार्रवाई करने की मांग की बल्कि यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर भी ऐसा करने का आग्रह किया क्योंकि आग का कारण बनने वाली इन वस्तुओं से वर्तमान संवेदनशील परिदृश्य में किसी भी समय बड़ा सुरक्षा खतरा हो सकता है.
(इनपुट भाषा से)
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पिछले महीने स्वास्थ्य विभाग ने इस सिलसिले में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को सख्त अनुपालन नोटिस जारी किया था. डीएमआरसी ने जनवरी में प्रतिबंधित वस्तुओं की अपनी सूची से माचिस और लाइटर को बाहर कर दिया था. अब किसी यात्री को मेट्रो ट्रेनों और स्टेशन परिसरों में एक माचिस और एक लाइटर ले जाने की अनुमति है.
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दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) डॉक्टर एसके अरोड़ा ने बताया कि जानकारी मिली है कि सीआईएसएफ डीएमआरसी को सुरक्षा प्रदान करती है, जो गृह मंत्रालय के अन्तर्गत एक स्वतंत्र सरकारी इकाई के रूप में काम करती है और यात्रियों की सीआईएसएफ द्वारा सुरक्षा जांच के बाद इन वस्तुओं (लाइटर और माचिस) की अनुमति प्रदान की गई. अरोड़ा ने अपने पत्र में ना केवल धुआं के खतरों से गैर-धूम्रपान करने वाले लोगों को बचाने के लिए लोक स्वास्थ्य हितों के वास्ते तुरंत कार्रवाई करने की मांग की बल्कि यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनजर भी ऐसा करने का आग्रह किया क्योंकि आग का कारण बनने वाली इन वस्तुओं से वर्तमान संवेदनशील परिदृश्य में किसी भी समय बड़ा सुरक्षा खतरा हो सकता है.
(इनपुट भाषा से)
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