प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस में अतिरिक्त भर्ती करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। दिल्ली में जंगलराज के हालात में जो खुद को बचा सकता है, वह बचा ले।
पुलिस भर्ती के लिए बजट नहीं तो सुनवाई बंद कर दें
दिल्ली हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर पुलिस की भर्ती के लिए केंद्र के पास बजट नहीं है तो वह कोर्ट को बता दे ताकि हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई ही बंद कर दे। वहीं दिल्ली सरकार को फोरेंसिक लैब में पेंडिंग मामलों को लेकर हाईकोर्ट ने गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि समस्या को लेकर कोई गंभीर नहीं है। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह अगली सुनवाई में यह बताए कि कितने पद रिक्त हैं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि फोरेंसिक लेब में पड़े केसों में क्या हुआ है, बताए।
एफएसएल में 11 हजार केस पेंडिंग
इस दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि एफएसएल में 11000 केस पेंडिंग हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि दिल्ली पुलिस में भर्ती के लिए वित्त मंत्रालय को देना है। हाईकोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच का मामला है लेकिन केंद्र के रुख से साफ है कि वह गंभीरता नहीं दिखा रही है। लिहाजा केंद्र इस मामले में कोर्ट को प्रस्ताव दे और बताए कि कोर्ट कब तक इंतजार करे। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 27 मई को करेगा।
दरअसल 16 दिसंबर गैंगरेप के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सुनवाई शुरू की है। इसमें अतिरिक्त पुलिस बल, महिला सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरे और फोरेंसिक टेस्ट संबंधी मुद्दे शामिल हैं।
पुलिस भर्ती के लिए बजट नहीं तो सुनवाई बंद कर दें
दिल्ली हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर पुलिस की भर्ती के लिए केंद्र के पास बजट नहीं है तो वह कोर्ट को बता दे ताकि हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई ही बंद कर दे। वहीं दिल्ली सरकार को फोरेंसिक लैब में पेंडिंग मामलों को लेकर हाईकोर्ट ने गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि समस्या को लेकर कोई गंभीर नहीं है। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह अगली सुनवाई में यह बताए कि कितने पद रिक्त हैं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि फोरेंसिक लेब में पड़े केसों में क्या हुआ है, बताए।
एफएसएल में 11 हजार केस पेंडिंग
इस दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि एफएसएल में 11000 केस पेंडिंग हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि दिल्ली पुलिस में भर्ती के लिए वित्त मंत्रालय को देना है। हाईकोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच का मामला है लेकिन केंद्र के रुख से साफ है कि वह गंभीरता नहीं दिखा रही है। लिहाजा केंद्र इस मामले में कोर्ट को प्रस्ताव दे और बताए कि कोर्ट कब तक इंतजार करे। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 27 मई को करेगा।
दरअसल 16 दिसंबर गैंगरेप के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सुनवाई शुरू की है। इसमें अतिरिक्त पुलिस बल, महिला सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरे और फोरेंसिक टेस्ट संबंधी मुद्दे शामिल हैं।
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