
मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केजरीवाल सरकार के दौर में विज्ञापन के मुद्दे पर आई CAG की रिपोर्ट पर सरकार और विपक्ष में जोरदार भिड़ंत हो गई है. तनातनी यहां तक पहुंच गई है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने विधान सभा में विपक्ष को ललकारते हुए कह दिया है कि 'मैं चेतावनी देता हूं कि जब सदन में इस रिपोर्ट पर चर्चा हो तो विजेंद्र गुप्ता बहस छोड़कर भागें नहीं.'
सिसोदिया ने बताया कि 'CAG रिपोर्ट आ गई है और इस रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि देश को 526 करोड़ रुपये के विज्ञापन बजट के नाम पर गुमराह किया जा रहा था लेकिन विज्ञापन पर कुल खर्च करीब 74 करोड़ रुपये ही हुआ. हमारे लिए शान की बात है, एक पैसे का घपला सामने नहीं आ रहा.'
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब यह CAG रिपोर्ट 24 अगस्त को शाम 5:30 बजे उनको मिली तो उससे पहले नेता विपक्ष के पास कैसे आ गई? यह रिपोर्ट सदन की गरिमा के साथ आनी चाहिए थी. वह उनके पास कैसे आ गई? विजेंद्र गुप्ता पर कार्रवाई होनी चाहिए.
इसके जवाब में विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 'मैंने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर CAG रिपोर्ट सदन में रखने की मांग की थी. यह रिपोर्ट मैंने नहीं खुद सरकार ने लीक की और हम पर आरोप लगा रहे हैं.'
जब विजेंद्र गुप्ता पर CAG रिपोर्ट लीक करने के आरोप में कार्रवाई की मांग हुई तो विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल नेता विपक्ष के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने यह मामला विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया.
दरअसल विजेंद्र गुप्ता ने 24 अगस्त को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि 'सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट 22 अगस्त 2016 को ही दिल्ली के प्रमुख सचिव राजस्व को सौंप दी गई थी. इस रिपोर्ट में सीएजी ने दिल्ली सरकार द्वारा पब्लिक फंड को खर्च करने के मूलभूत सिद्धांतों तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित दिशानिर्देशों का पालन न करने का खुलासा किया गया है. सरकार ने दिल्ली की जनता के धन का अन्य राज्यों में व्यय किया है, जो कि सर्वथा गलत है.'
इसके जवाब में उसी दिन मनीष सिसोदिया ने कहा था कि अभी CAG की कोई रिपोर्ट सरकार के पास नहीं आई है.
सिसोदिया ने बताया कि 'CAG रिपोर्ट आ गई है और इस रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि देश को 526 करोड़ रुपये के विज्ञापन बजट के नाम पर गुमराह किया जा रहा था लेकिन विज्ञापन पर कुल खर्च करीब 74 करोड़ रुपये ही हुआ. हमारे लिए शान की बात है, एक पैसे का घपला सामने नहीं आ रहा.'
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब यह CAG रिपोर्ट 24 अगस्त को शाम 5:30 बजे उनको मिली तो उससे पहले नेता विपक्ष के पास कैसे आ गई? यह रिपोर्ट सदन की गरिमा के साथ आनी चाहिए थी. वह उनके पास कैसे आ गई? विजेंद्र गुप्ता पर कार्रवाई होनी चाहिए.
इसके जवाब में विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 'मैंने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर CAG रिपोर्ट सदन में रखने की मांग की थी. यह रिपोर्ट मैंने नहीं खुद सरकार ने लीक की और हम पर आरोप लगा रहे हैं.'
जब विजेंद्र गुप्ता पर CAG रिपोर्ट लीक करने के आरोप में कार्रवाई की मांग हुई तो विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल नेता विपक्ष के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने यह मामला विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया.
दरअसल विजेंद्र गुप्ता ने 24 अगस्त को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि 'सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट 22 अगस्त 2016 को ही दिल्ली के प्रमुख सचिव राजस्व को सौंप दी गई थी. इस रिपोर्ट में सीएजी ने दिल्ली सरकार द्वारा पब्लिक फंड को खर्च करने के मूलभूत सिद्धांतों तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित दिशानिर्देशों का पालन न करने का खुलासा किया गया है. सरकार ने दिल्ली की जनता के धन का अन्य राज्यों में व्यय किया है, जो कि सर्वथा गलत है.'
इसके जवाब में उसी दिन मनीष सिसोदिया ने कहा था कि अभी CAG की कोई रिपोर्ट सरकार के पास नहीं आई है.
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