- दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण और गंदे पानी की स्थिति को गंभीर मानते हुए चिंता जताई.
- अदालत ने MCD, DSIIDC और DDA के अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का आदेश दिया.
- कोर्ट ने DSIIDC को प्रदूषण रोकने में लापरवाही के लिए फटकार लगाई और काम न होने पर बंद करने की चेतावनी दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना में बढ़ते प्रदूषण और गंदे पानी को लेकर चिंता जताई है. अदालत ने इसे बहुत ही हैरान करने वाली स्थिति बताते हुए एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश दिया. कोर्ट ने ल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली राज्य इंडस्ट्रियल और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम (DSIIDC) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है.
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हाईकोर्ट ने DSIIDC को लगाई फटकार
अदालत ने यमुना के प्रदूषण पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप क्या कर रहे हैं. 2 करोड़ रुपये के लिए राजधानी के 3 करोड़ लोग ऐसे पानी और हवा की परेशानी झेल रहे हैं. बता दें कि यमुना के प्रदूषण के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह की बेंच ने सुनवाई के दौरान DSIIDC, दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी और दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से फाइल की गई स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करे हुए DSIIDC को फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि प्रदूषण से निपटने से जुड़े प्लान को लेकर 2023 में कैबिनेट में फैसला लिया गया था, लेकिन रिपोर्ट 2025 में आकर मिली है.
“Shocking state of affairs, absolutely shocking” : Delhi High Court forms a three-member committee comprising officials of Delhi State Industrial and Infrastructure Development Corporation (DSIIDC), Municipal Corporation of Delhi (MCD) and Delhi Development Authority (DDA) on the… pic.twitter.com/REadumamyl
— Bar and Bench (@barandbench) November 22, 2025
27 क्षेत्रों में कोई भी योजना पूरी तरह लागू नहीं हुई
अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि काम अगर इसी तरह चलता रहा तो DSIIDC को बंद करने पर विचार करना पड़ सकता है. 27 क्षेत्रों में कोई भी योजना पूरी तरह लागू नहीं की गई है. कोई भी काम नहीं हो रहा, 2.5 करोड़ रुपये रोक कर रखे गए हैं, इसी वजह से इतना पॉल्यूशन है.
MCD को 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश
हाई कोर्ट ने DSIIDC को 2 हफ्तों में 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान MCD को करने का आदेश दिया है. अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान बताया गया था कि इंडस्ट्रियल एरिया में सर्वे और रीडेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट आर्किटेक्ट एजेंसियों को लगाया गया था. अदालत ने इस पर आदेश दिया कि DSIIDC, MCD और DDA मिलकर एजेंसियों द्वारा जमा किए गए सभी लेआउट प्लान की जांच करें. 3 सदस्यों की एक टीम लेआउट प्लान की जांच, अप्रूवल लेने और फिर रिपोर्ट देने के लिए मीटिंग करेगी.
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