
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सप्ताह में कामकाज के दिनों में एक घंटा के लिए अधिकारियों की ओर से जनसुनवाई आयोजित नहीं करने के बारे में मिल रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार ने अपने सभी विभागों के प्रमुखों से दोषी बाबुओं का स्पष्टीकरण मांगा है. मई में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सभी मंत्रियों एवं अधिकारियों को सुबह 10 से 11 बजे के बीच अपने-अपने कार्यालयों में पहले से समय निर्धारित किए बगैर लोगों से मिलने का निर्देश दिया था. प्रशासनिक सुधार विभाग ने अब एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि ऐसी शिकायतें मिली हैं कि अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद जनसुनवाई आयोजित नहीं कर रहे हैं. विभाग ने कहा, 'सभी प्रधान सचिव, सचिव और विभाग प्रमुखों से अनुरोध है कि वे सुबह 10 से 11 बजे के बीच जनसुनवाई के लिए सभी अधिकारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करें.' इसमें कहा गया है कि जनसुनवाई में अधिकारियों की उपस्थिति पर मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) करीब से नजर रख रहा है.
यह भी पढ़ें : अगर मुझे गाली देने से प्रदूषण कम हो जाए, तो रोज सुबह उठकर सब यही करें: केजरीवाल
इसके अनुसार, 'इस संबंध में नियमित स्थिति रिपोर्ट ई-मेल या पत्राचार के जरिये संबंधित विभाग प्रमुखों को भेजी जा रही है और अधिकारियों की गैरमौजूदगी को लेकर उन पर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन दिनों के अंदर वापसी ई-मेल या पत्राचार से रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.'
VIDEO : अब AAP की सरकार इन 40 सेवाओं की करेगी होम डिलिवरी
सर्कुलर के अनुसार, 'इसलिए सभी प्रधान सचिवों, सचिवों एवं विभाग प्रमुखों से अनुरोध है कि वे दोषी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगें और उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग को भेंजें.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह भी पढ़ें : अगर मुझे गाली देने से प्रदूषण कम हो जाए, तो रोज सुबह उठकर सब यही करें: केजरीवाल
इसके अनुसार, 'इस संबंध में नियमित स्थिति रिपोर्ट ई-मेल या पत्राचार के जरिये संबंधित विभाग प्रमुखों को भेजी जा रही है और अधिकारियों की गैरमौजूदगी को लेकर उन पर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन दिनों के अंदर वापसी ई-मेल या पत्राचार से रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.'
VIDEO : अब AAP की सरकार इन 40 सेवाओं की करेगी होम डिलिवरी
सर्कुलर के अनुसार, 'इसलिए सभी प्रधान सचिवों, सचिवों एवं विभाग प्रमुखों से अनुरोध है कि वे दोषी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगें और उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग को भेंजें.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं