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This Article is From Apr 11, 2017

और बढ़ी केजरीवाल सरकार की मुश्किल, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया केस

और बढ़ी केजरीवाल सरकार की मुश्किल, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया केस
दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
'जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों को 56 शेल कंपनियों से 16.39 करोड़ मिले'
हालांकि सत्‍येंद्र जैन खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं
शुंगलू कमिटी की रिपोर्ट के बाद से ही केजरीवाल सरकार बैकफुट पर है
नई दिल्‍ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. एमसीडी चुनावों से ठीक पहले सीबीआई ने दिल्ली के स्वास्थ्‍य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है. सत्येंद्र जैन पर हवाला काबोरियों के साथ सीधे संपर्क रखने का भी आरोप था. इससे पहले हाल ही में आई शुंगलू कमिटी की रिपोर्ट के बाद से ही केजरीवाल सरकार बैकफुट पर है. सीबीआई का आरोप है कि जैन 2015-16 के दौरान लोक सेवक रहते हुए प्रयास इंफो सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, अकिनचंद डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 4.63 करोड़ रुपये के धनशोधन में शामिल थे. जैन के खिलाफ आरोपों में इन कंपनियों और इंडोमेटल प्राइवेट लिमिटेड के जरिए 2010-12 के दौरान 11.78 करोड़ रुपये के कथित धन शोधन का भी मामला है.

सीबीआई का कहना है की उसने जो रिपोर्ट इनकम टैक्स से मिली उसे आधार बनाकर प्रिलिमिनरी एंक्वायरी दर्ज की है. सीबीआई के एक अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "मामला नया बेनामी लेनदेन निषेध कानून के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा सीबीआई को भेजा गया था, उसे हमने अपनी जांच का आधार बनाया है." CBI के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता स्थित जीवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल नाम के तीन हवाला कारोबारियों की 56 शेल कंपनियों से 16.39 करोड़ रुपये मिले.

हालांकि जैन खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. केजरीवाल सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री का कहना है कि हवाला कारोबारियों से उनका कोई नाता नहीं और इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं, बल्कि गवाह के रूप में बुलाया गया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों की जांच में उनका नाम सामने आया, जिनसे वह पहले जुड़े हुए थे और इसी संबंध में उनको समन किया गया था.

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