चीनी ऐप के जरिए लोन देने के नाम पर ठगी और ब्लैकमेलिंग करने वाले एक बड़े गैंग का उत्तरी दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. यह ठगी एक फर्जी कॉल सेंटर के जरिए की जा रही थी. पुलिस ने कॉल सेंटर में छापेमारी कर 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मुताबिक आरोपी लोगों को इस कदर तंग करते थे कि ब्लैकमेल करने के लिए उन्होंने एक शख्स को उसी की बेटी का न्यूड फोटो भेज दिया.
उत्तरी दिल्ली पुलिस के डीसीपी सागर सिंह कलसी के मुताबिक कॉल सेंटर चलाने वालों ने अब तक सैकड़ों लोगों से लोन के नाम पर अवैध वसूली की है. इस मामले में दिल्ली के संगम विहार में चल रहे एक कॉल सेंटर के 18 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. यह आरोपी DIOSCLES लोन ऐप के जरिए लोगों को धोखे देते थे. वे लोन देने के नाम पर दूसरों के नाम और डेटा का गलत इस्तेमाल करते थे.
दरअसल उत्तरी दिल्ली के साइबर थाने में एक गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से एक शिकायत मिली. दिल्ली के मजनू का टीला सिविल लाइन के नरेश भाटी ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल पर एक महिला ने कॉल किया. महिला ने उन्हें धमकाया कि उनकी बेटी ने 3500 रुपये का लोन लिया है, जिसे आपको लिंक के माध्यम से जमा करना होगा, अन्यथा आपकी बेटी की न्यूड फोटो वायरल हो जाएगी.
इसके बाद किसी ने उनकी बेटी की न्यूड फोटो बनाकर उनके व्हाट्सऐप नंबर पर भेज दी. उनकी बेटी के लिए आपत्तिजनक शब्द भी इस्तेमाल किए. इस शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने जांच शुरू की. कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स और मनी ट्रेल की तकनीकी जानकारी जुटाने के बाद उस नंबर का पता लगाया जिससे कॉल की जाती थी. वह फोन दिल्ली के संगम विहार इलाके से चल रहा था.
पांच अप्रैल को संगम विहार में छापा मारा गया और एक लड़की रेणु को गिरफ्तार किया गया. उसने बताया कि वह कॉल सेंटर में काम कर रही है, जो दिल्ली के ईस्ट ऑफ़ कैलाश में स्थित है. लड़की द्वारा दी गई जानकारी के बाद तत्काल टीम ने छापा मारा. वहां कॉल सेंटर चलता हुआ मिला जिसमें उस समय लगभग 50 लोग काम कर रहे थे.
स्टाफ से पूछताछ करने पर पता चला कि कई बहुत सारे कर्मचारी चीनी लोन ऐप कंपनी में काम कर रहे थे. कुल 18 लोग जो चीनी ऐप पर लोन देने का काम करते थे, उन्हें मौके से गिरफ्तार किया गया. टीम मैनेजर अमित दिल्ली के सरिता विहार का रहने वाला है. उसे भी गिरफ्तार किया गया है.
जांच के दौरान मैनेजर ने बताया कि लगभग तीन साल पहले उसकी मोहसिन खान से मुलाकात हुई थी. वह कई कॉल सेंटरों में काम कर चुका था. दोनों ने चीनी लोन ऐप का कॉल सेंटर शुरू किया. मोहसिन खान और उसकी महिला दोस्त फिरदौस इन फर्जी चीनी एप्स के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड जुटाती थी. कॉल सेंटर के कर्मचारी VOIP सिम बॉक्स गेटवे के माध्यम से कॉल करते थे, जो कि मोहसिन ने इंस्टॉल किए थे. वे उसे रोज बदलते रहते थे ताकि पुलिस की कार्रवाई से बचा जा सके.
लोन का भुगतान चीनी ऐप के दिए गए लिंक पर किया जाता था और मोहसिन अपने ऊपर बैठे आकाओं से अपना कमीशन का हिस्सा प्राप्त करता था. पुलिस ने इस छापेमारी के दौरान डाटा सर्वर को अपने कब्जे में लेकर सारा डाटा अपने पास संरक्षित कर लिया. यदि पुलिस की कार्रवाई में देरी हो जाती तो यह साइबर अपराधी इस सारे डाटा को पुलिस से बचने के लिए नष्ट कर सकते थे. मोहसिन और फिरदोश की तलाश में नार्थ डिस्ट्रिक्ट साइबर थाने की टीम पंजाब में दबिश दे रही है. पुलिस ने कॉल सेंटर से 54 कम्प्यूटर और 19 मोबाइल फोन बरामद किए हैं.
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