कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी आज भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने कहा कि, वैचारिक अंतर के कारण उन्होंने अपने कदम आगे बढ़ाए. पिता की ओर से की गई तीखी आलोचना को लेकर उन्होंने कहा, "मेरे पिता एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके लिए मेरे दिल में सबसे गहरा प्यार और सम्मान है."
अनिल एंटनी ने आज एनडीटीवी से कहा, "यह किसी भी तरह से व्यक्तिगत नहीं है." उन्होंने कहा, "देश की दिशा कहां है, इसको लेकर विचारों और दृष्टिकोणों का अंतर है. मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि मैं युवा भारत का प्रतिनिधित्व करता हूं."
उन्होंने संकेत दिया कि उनके निर्णय के पीछे जो बात महत्वपूर्ण है, वह है कांग्रेस में बदलाव को लेकर उनका मोहभंग होना.
उन्होंने कहा, "मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह वह कांग्रेस पार्टी नहीं है जिसे मैं तब से देखता रहा जब मैं बड़ा हो रहा था. यह वही पार्टी नहीं है जो 20 साल पहले अस्तित्व में थी, यहां तक कि पांच साल पहले भी ऐसी नहीं थी. यह वह पार्टी है जिसे दो या तीन व्यक्तियों की हित पूर्ति तक सीमित कर दिया गया है."
उन्होंने कहा, "यह निश्चित रूप से दुखद है, लेकिन कांग्रेस इस देश का भविष्य नहीं है. यह सिर्फ मेरी राय नहीं है, यह भारत के विशाल बहुमत की राय है."
आजीवन गांधी परिवार के वफादार रहे एके एंटनी ने आज कहा कि उनके बेटे का फैसला "गलत" था और यह उनके लिए "बहुत दर्दनाक" क्षण है. उन्होंने कहा कि भारत को एकजुट रखने और इसकी विविधता का सम्मान करने का श्रेय नेहरू-गांधी परिवार को है.
उन्होंने कहा कि वे इंदिरा गांधी से प्रेरित थे, जिन्होंने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रोत्साहित किया था. वह केवल एक बार नीतिगत मुद्दे पर उनसे असहमत थे, लेकिन बाद में पार्टी में लौट आए और उनको यहां कहीं अधिक सम्मान मिला.
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