यह ख़बर 06 अप्रैल, 2014 को प्रकाशित हुई थी

टी-20 विश्वकप : भारत को हराकर श्रीलंका बना चैम्पियन

मीरपुर (ढाका):

श्रीलंका क्रिकेट टीम अपने करियर का अंतिम टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे कुमार संगकारा (नाबाद 52) की शानदार अर्धशतकीय पारी और अपने गेंदबाजों को उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ने रविवार को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में भारत को छह विकेट से हराकर ट्वेंटी-20 विश्व कप का खिताब जीत लिया। श्रीलंका ने पहली बार ट्वेंटी-20 विश्व कप जीता है।

श्रीलंकाई टीम ने 1996 के आईसीसी 50 विश्वकप की यादगार सफलता बाद पहली बार आईसीसी के किसी इलीट आयोजन का खिताब हासिल किया है। बांग्लादेश में बीते महीने एशिया कप की खिताबी सफलता से प्रेरित श्रीलंकाई टीम लगातार तीन बार फाइनल में स्थान बनाने का बाद टी-20 का सरताज बन सकी।

भारत ने श्रीलंका के सामने 131 रनों का लक्ष्य रखा, जिसका पीछा करते हुए उसने 17.5 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया। विजेता टीम की ओर से संगकारा के अलावा अपना अंतिम मैच खेल रहे माहेला जयवर्धने ने 24 और थिसिरा परेरा ने नाबाद रनों का योगदान दिया।

साथ ही तिलकरत्ने दिलशान ने 18 रन बनाए। परेरा ने 14 गेंदों पर एक चौका और दो छक्के लगाए। परेरा ने ही विजयी चौका लगाया। संगकारा की 35 गेंदों का सामना कर छह चौके और एक छक्का जड़ा। भारत की ओर से मोहित शर्मा, अमित मिश्रा, रविचंद्रन अश्विन और सुरेश रैना ने एक-एक सफलता हासिल की।

इससे पहले, टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने  विराट कोहली (77) की शानदार पारी की बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट पर 130 रन बनाए। पारी की अंतिम गेंद पर रन आउट होने वाले कोहली ने 58 गेंदों पर पांच चौके और चार छक्के लगाए। यह उनका अब का सर्वोच्च टी-20 स्कोर है।

भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उसने सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (3) का विकेट मात्र चार रनों के कुल योग पर गंवा दिया था लेकिन इसके बाद कोहली और रोहित शर्मा (29) ने दूसरे विकेट के लिए 60 रनों की साझेदारी की।

यह साझेदारी 54 गेंदों पर हुई। रोहित का विकेट 64 के कुल योग पर गिरा। रोहित ने 26 गेंदों का सामना कर तीन चौके लगाए। उन्हें रंगना हेराथ ने आउट किया।

रोहित के बाद युवराज (11) विकेट पर आए लेकिन वह बिल्कुल भी लय में नहीं दिखे। युवराज ने 21 गेंदें खेलीं और निराशाजनक बल्लेबाजी की। युवराज के विकेट पर रहते कोहली ने जमकर रन बटोरे लेकिन दूसरे छोर पर युवराज की नाकामी पर खीझते नजर आए।

युवराज का विकेट 119 रनों के कुल योग पर गिरा लेकिन इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (नाबाद 4, सात गेंद) ने भी अपनी छवि के साथ न्याय नहीं किया और रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए। अंत के चार ओवरों में भारतीय टीम निराशाजनक तौर पर सिर्फ 19 रन बना सकी।

श्रीलंका की ओर से हेराथ ने चार ओवरों में सिर्फ 23 रन दिए और एक सफलता हासिल की जबकि सचित्र सेनानायके ने चार ओवरों में 22 रन खर्च करते हुए एक विकेट लिया। एंजेलो मैथ्यूज को भी एक सफलता मिली।

श्रीलंका के दो महान बल्लेबाज-कुमार संगकारा और माहेला जयवर्धने ने फाइनल मुकाबले के बाद टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया। ये दोनों श्रीलंका ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे सफल ट्वेंटी-20 बल्लेबाजों में शामिल हैं। जयवर्धने ने अपनी अंतिम टी-20 पारी में 24 और संगकारा ने नाबाद 52 रन बनाए।

श्रीलंका और भारत की टीमें बीते तीन साल में दूसरी बार किसी आईसीसी आयोजन के फाइनल में भिड़ीं। 2011 में दोनों टीमें 50 ओवर के विश्व कप के फाइनल में भिड़ी थीं, जिसमें भारत विजयी रहा था। इस तरह श्रीलंका ने तीन साल पहले खिताबी मुकाबले में मिली हार का हिसाब बराबर कर लिया।

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श्रीलंकाई टीम ने साथ ही धौनी को चौथा आईसीसी इलीट खिताब जीतने से भी रोक दिया। भारत ने धौनी की कप्तानी में 2007 में आयोजित टी-20 विश्व कप के पहले संस्करण का खिताब जीता था। 2011 विश्व कप के अलावा भारत बीते साल चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब जीता है।