अजिंक्य रहाणे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ़ टी-20 सीरीज़ में जीत के बाद विश्व कप में टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन क्या होगी ये साफ़ हो चुका है। दोनों सीरीज़ के कुल 6 टी-20 मैचों में कप्तान धोनी ने टीम में कोई बदलाव नहीं किया। श्रीलंका के खिलाफ़ विराट को आराम दिया गया तो रहाणे को उनकी जगह मौका मिल गया। लेकिन अब एशिया कप और फिर विश्व कप में रहाणे जैसे शानदार बल्लेबाज़ को भी बेंच पर ही बैठना होगा। ये धोनी ने साफ़ कर दिया है।
टीम इंडिया के कप्तान धोनी ने कहा कि "जब दोनों सलामी बल्लेबाज़ शानदार खेल रहे हों तो कप्तान के लिए ये फ़ैसला मुश्किल हो जाता है। अगर आप देखें तो रहाणे शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन टी-20 फ़ॉर्मेट में उनकी जगह सिर्फ़ सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर बनती है और आप हमारी टी-20 टीम को देखें तो रहाणे का प्लेइंग इलेवन में खेलना काफ़ी मुश्किल है।"
रहाणे ने 2015 आईपीएल में 540 रन 49.09 की औसत और 130.75 की स्ट्राइक रेट से बनाए हैं। वो सबसे ज्यादा रन बनाने की सूची में दूसरे स्थान पर थे। इसके बावजूद वह टीम इंडिया के लिए विश्वकप में शायद बल्लेबाज़ी नहीं करेंगे।
इस बात का अंदाज़ा सभी को था, लेकिन धोनी के बयान के बाद इसकी पुष्टि हो गई है। पुष्टि ये कि धोनी एशिया कप और विश्व कप में भी बेंच पर बैठे खिलाड़ियों को तैयारी का कोई मौका नहीं देने वाले हैं। उनकी प्लेइंग इलेवन तैयार है और वो उन्हीं खिलाड़ियों को हर तौर पर विश्वकप से पहले तैयार करना चाहते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यही कि लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मैच में हिस्सा ना लेने वाले खिलाड़ी को क्या सीधा ज़रूरत पड़ने पर वर्ल्ड कप के मैच में उतारना सही होगा?
टीम इंडिया के कप्तान धोनी ने कहा कि "जब दोनों सलामी बल्लेबाज़ शानदार खेल रहे हों तो कप्तान के लिए ये फ़ैसला मुश्किल हो जाता है। अगर आप देखें तो रहाणे शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन टी-20 फ़ॉर्मेट में उनकी जगह सिर्फ़ सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर बनती है और आप हमारी टी-20 टीम को देखें तो रहाणे का प्लेइंग इलेवन में खेलना काफ़ी मुश्किल है।"
रहाणे ने 2015 आईपीएल में 540 रन 49.09 की औसत और 130.75 की स्ट्राइक रेट से बनाए हैं। वो सबसे ज्यादा रन बनाने की सूची में दूसरे स्थान पर थे। इसके बावजूद वह टीम इंडिया के लिए विश्वकप में शायद बल्लेबाज़ी नहीं करेंगे।
इस बात का अंदाज़ा सभी को था, लेकिन धोनी के बयान के बाद इसकी पुष्टि हो गई है। पुष्टि ये कि धोनी एशिया कप और विश्व कप में भी बेंच पर बैठे खिलाड़ियों को तैयारी का कोई मौका नहीं देने वाले हैं। उनकी प्लेइंग इलेवन तैयार है और वो उन्हीं खिलाड़ियों को हर तौर पर विश्वकप से पहले तैयार करना चाहते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यही कि लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मैच में हिस्सा ना लेने वाले खिलाड़ी को क्या सीधा ज़रूरत पड़ने पर वर्ल्ड कप के मैच में उतारना सही होगा?
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