
क्रिकेट किट और स्पोर्ट्स वियर लांच किए जाने के अवसर पर सचिन तेंदुलकर
मुंबई:
क्रिकेट छोड़ने के बाद भी ब्रैंड और विज्ञापनों की दुनिया में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर का जलवा बरकरार है, खेल के सामान बनाने वाली कंपनी स्पार्टन के साथ उन्होंने क्रिकेट किट और स्पोर्ट्स वियर की नई रेंज शुरू की है, जिसे खुद सचिन ने अपनी टीम के साथ डिजाइन किया है. इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक अपने नाम करने वाले सचिन ने इस मौके पर कहा कि रंगीन बल्लों के इस दौर में वे अपने हाथ में तिरंगा बल्ला ही रखना पसंद करेंगे. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भले ही रिटायर हो चुके हैं , लेकिन क्रिकेट से उनका नाता अभी भी नहीं टूटा है. देश के प्रति अपने समर्पण को दर्शाते हुए मास्टर ब्लास्टर ने करियर का आखिरी टेस्ट तिरंगे बल्ले से खेला. इस बल्ले के ग्रिप पर तिरंगे के रंग थे.
क्रिकेट किट और स्पोर्ट्स वियर की रेंज लांच की तस्वीर
उन्होंने कहा कि वे जब भी बल्ला थामेंगे, ख्वाहिश रहेगी कि वह तिरंगा हो, सचिन ने कहा, " सौ फीसदी वह भारत के रंगों में होगा. अगर आपको याद हो मैंने अपना आख़िरी टेस्ट मैच तिरंगे बल्ले से खेला था जिससे मैं अपने फैंस का एक तरह से शुक्रिया अदा करना चाहता था. 24 सालों तक उन्होंने मेरे लिए दुआएं मांगी, धूप-गर्मी में खड़े रहे इसलिये बग़ैर कोई शक मेरे देश के रंग तिरंगा होगा."
क्रिकेट से सचिन तेंदुलकर टेनिस के मैदान पर गए, इस बारे में उन्होंने बताया कि वे स्विट्जरलैंड के स्टार टेनिस खिलाड़ी के मुरीद हैं. " 2005-06 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुझसे पूछा गया कि मैं संन्यास कब लूंगा, मेरा सर्वश्रेष्ठ उसके बाद आया, इसमें सबसे बड़ी उपलब्धि 2011 वर्ल्डकप में चैंपियन बनना रहा. सचिन ने कहा कि मैं हमेशा से फेडरर का बहुत बड़ा फैन रहा हूं. "

उन्होंने कहा कि वे जब भी बल्ला थामेंगे, ख्वाहिश रहेगी कि वह तिरंगा हो, सचिन ने कहा, " सौ फीसदी वह भारत के रंगों में होगा. अगर आपको याद हो मैंने अपना आख़िरी टेस्ट मैच तिरंगे बल्ले से खेला था जिससे मैं अपने फैंस का एक तरह से शुक्रिया अदा करना चाहता था. 24 सालों तक उन्होंने मेरे लिए दुआएं मांगी, धूप-गर्मी में खड़े रहे इसलिये बग़ैर कोई शक मेरे देश के रंग तिरंगा होगा."
क्रिकेट से सचिन तेंदुलकर टेनिस के मैदान पर गए, इस बारे में उन्होंने बताया कि वे स्विट्जरलैंड के स्टार टेनिस खिलाड़ी के मुरीद हैं. " 2005-06 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुझसे पूछा गया कि मैं संन्यास कब लूंगा, मेरा सर्वश्रेष्ठ उसके बाद आया, इसमें सबसे बड़ी उपलब्धि 2011 वर्ल्डकप में चैंपियन बनना रहा. सचिन ने कहा कि मैं हमेशा से फेडरर का बहुत बड़ा फैन रहा हूं. "
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