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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला में आज भारत की मुसीबतें और बढ़ गई जब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर पर्थ टेस्ट में धीमी ओवर गति के लिए एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया। इस प्रतिबंध के कारण धोनी एडिलेड में चौथे और अंतिम टेस्ट में नहीं खेल पाएंग
धोनी की गैरमौजूदगी में अंतिम टेस्ट में भारतीय टीम की कमान उप कप्तान वीरेंद्र सहवाग संभालेंगे जबकि विकेटकीपिंग की जिम्मेदार रिद्धिमान साहा के कंधों पर होगी। भारतीय कप्तान को यह सजा इसलिए दी गई क्योंकि यह 12 महीने के अंदर ओवर गति से जुड़ा उनका दूसरा अपराध है।
आईसीसी की आचार संहिता के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय टीम के कप्तान को एक मैच के लिए निलंबित किया जा सकता है अगर उसकी टीम 12 महीने के दौरान एक ही प्रारूप में ओवर गति के अपराध के लिए दो बाद दोषी पाई जाए।
धोनी के खिलाफ आरोप मैदानी अंपायरों अलीम दार और कुमार धर्मसेना के अलावा तीसरे अंपायर पाल राइफेल और चौथे अंपायर मिक मार्टेल ने लगाए। आईसीसी मैच रैफरी रंजन मदुगुले ने मैच के अंत में भारत के निर्धारित समय में लक्ष्य से दो ओवर कम फेंकने का दोषी पाए जाने पर सजा सुनाई।
आईसीसी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘धोनी को अगले टेस्ट के लिए निलंबित कर दिया गया है और मैच फीस का 40 प्रतिशत जुर्माना लगाया है जबकि अन्य खिलाड़ियों पर 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।’’ यह अपराध आचार संहिता के नियम 2.5.1 से जुड़ा है जो ओवर गति से जुड़े अपराधों से संबंधित है। धोनी ने अपना दोष मान लिया है और उन्हें तथा भारत को इससे जुड़ा जुर्माना भी स्वीकार है।
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