यह ख़बर 15 अप्रैल, 2014 को प्रकाशित हुई थी

एन श्रीनिवासन ने अदालत से बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर काम करते रहने की मांगी इजाजत

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने उन्हें पद से दूर रहने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर फिर से विचार करने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है। श्रीनिवासन ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि उन्हें इस साल सितंबर तक अध्यक्ष पद पर काम करने की इजाजत दी जाए।

श्रीनिवासन ने बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में काम करने से रोकने संबंधी शीर्ष अदालत के आदेश के घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए दलील दी है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने उनके खिलाफ ‘अनुचित और अप्रमाणित आरोप’ लगाए हैं।

इस मामले की न्यायालय बुधवार को सुनवाई करेगी। न्यायालय कल ही श्रीनिवासन और भारतीय टीम के कप्तार महेंद्र सिंह धोनी के बीच हुई बातचीत के ऑडियो टेप के लिप्यांतर की प्रति उपलब्ध कराने के बीसीसीआई के अनुरोध पर भी विचार करेगा। यह आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने वाली मुद्गल समिति ने इस तथ्य को रिकॉर्ड किया है।

श्रीनिवासन ने एक हलफनामे में दावा किया है कि आईपीएल मैचों में स्पाट फिक्सिंग के एक आरोपी अपने दामाद गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक जांच में उन्होंने कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया है।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के आरोपों और शीर्ष अदालत की प्रतिकूल टिप्पणियों का जवाब देते हुए श्रीनिवासन ने कहा है कि उन्होंने कभी भी बोर्ड के अध्यक्ष पद से अलग रहने की कोई पेशकश नहीं की और यह प्रस्ताव तो 27 मार्च को बीसीसीआई ने दिया था। श्रीनिवासन ही चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक इंडिया सीमेन्ट्स के अध्यक्ष भी हैं।

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उन्होंने निलंबित आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के इस आरोप का भी जवाब दिया है कि उन्होंने जांच को प्रभावित किया था। संपत कुमार ने ही इस सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की शुरूआती जांच की थी।