!['कोई भी कोच मोहम्मद शमी..." भारतीय बॉलिंग कोच ने की पेसर की बड़ी तारीफ 'कोई भी कोच मोहम्मद शमी..." भारतीय बॉलिंग कोच ने की पेसर की बड़ी तारीफ](https://c.ndtvimg.com/2023-11/3bu3ear_mohammed-shami_625x300_22_November_23.jpg?downsize=773:435)
भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने कहा कि मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) के पास हर बार गेंद को सीधी सीम में डालने की दुर्लभ प्रतिभा है और दुनिया का कोई भी कोच इस तरह की तेज गेंदबाजी करने वाला गेंदबाज तैयार नहीं कर सकता. वनडे विश्व कप के सात मैच में 24 विकेट चटकाकर गेंदबाजी सूची में शीर्ष पर रहने वाले शमी वनडे और टेस्ट में भारत के बेहतरीन गेंदबाज रहे हैं. म्हाम्ब्रे शमी की सफलता के लिए कोई श्रेय नहीं लेना चाहते. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को मोहम्मद शमी जैसी प्रतिभा वाला गेंदबाज मिलेगा? तो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए रवाना होने से पहले कहा, ‘अगर मैं कहूं कि कोच शमी जैसा गेंदबाज बना सकते हैं तो यह सच नहीं होगा. अगर कोई गेंदबाज हर बार सीधी सीम में गेंद को डाल सकता तो दुनिया का हर गेंदबाज शमी बन जायेगा.'
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उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा कौशल है जो शमी ने कड़ी मेहनत के दम पर हासिल किया है और खुद को ऐसा गेंदबाज बनाया है.' म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘सीम पर ही एक के बाद एक गेंद फेंकना और वो भी परफेक्ट कलाई पॉजिशन के साथ तथा इसे दोनों तरफ घुमाना एक दुर्लभ प्रतिभा है. काफी गेंदबाज अगर सीम पर गेंद डाल भी पाते हैं, तो उनकी गेंद पिच पर लगते ही सीधी हो जाती है.' पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने जसप्रीत बुमराह के बारे में भी इसी तरह की बात करते हुए कहा, ‘यहां तक कि बुमराह का एक्शन असमान्य है, लेकिन वह गेंद को इसी एक्शन से अंदर या दूर कर देता है. यह एक कला है और इस कला का पारखी होने में काफी कड़ी मेहनत और समर्पण की जरूरत होती है.'
शमी और बुमराह दुनिया भर के बल्लेबाजों पर दबदबा बनाने में सफल रहे हैं जिससे म्हाम्ब्रे काफी हैरान हैं. उनकी सफलता से काफी को ईर्ष्या भी होगी. म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि टेस्ट मैचों में हमारे पास बुमराह, शमी और ईशांत (शर्मा) थे जिन्होंने इस तरह का जादू बिखेरा था, लेकिन अगर अब आप मुझे पूछोगे कि क्या मैंने इस तरह के दबदबे की उम्मीद की थी तो मैंने इस स्तर के प्रदर्शन का सपना भी नहीं देखा था.'
उन्होंने कहा, ‘मेरा मतलब कि जैसे श्रीलंका को 50 रन पर समेट देना और फिर दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम के खिलाफ भी ऐसा ही दोहराव करना कि 320 रन के करीब का स्कोर बनाना और उन्हें 80 रन पर समेट देना. यह सपना लगता है. निश्चित रूप से हमारे जैसे गेंदबाजी आक्रमण के साथ हमें उनसे अच्छा करने की उम्मीद थी, लेकिन इतने लंबे समय तक बड़े मंच पर ऐसा प्रदर्शन करना वास्तव में सराहनीय था.'
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