टीम इंडिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रांची में टीम इंडिया ने 69 रन से जीत दर्ज करते हुए श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज का रोमांच बरकरार रखा है। दो मैचों के बाद दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। ऐसे में अब 14 फरवरी को होने वाले तीसरे मैच में जो भी टीम जीतेगी, सीरीज उसी के नाम होगी। मैच में शिखर धवन, रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या ने बल्लेबाजी में और आर. अश्विन ने गेंदबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन किया। श्रीलंका टीम की ओर से तिसारा परेरा की हैट्रिक के लिए भी इस मैच को याद किया जाएगा। नजर डालते हैं टीम इंडिया की जीत के कारण बने महत्वपूर्ण पहलुओं पर....
अश्विन और नेहरा ने श्रीलंका की शुरुआत बिगाड़ दी
टीम इंडिया ने मेहमान टीम के सामने 197 रन का लक्ष्य रखा था। ऐसे में श्रीलंका के लिए तेज शुरुआत जरूरी थी, लेकिन शुरुआती चार ओवरों ने ही मैच का नतीजा काफी हद तक भारत के पक्ष में मोड़ दिया। अश्विन की ओर से फेंके गए पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर दिलशान आउट हो गए। रही-सही कसर नेहरा की ओर से फेंके गए पारी के दूसरे और चौथे ओवर में पूरी हो गई। नेहरा ने अपने पहले ओवर में प्रसन्ना और दूसरे ओवर में गुणतिलका को आउट किया। 16 रन तक श्रीलंका के तीन विकेट गिर चुके थे। इन झटकों से टीम आखिर तक उबर नहीं पाई।
शिखर धवन की जबर्दस्त बल्लेबाजी और पहले विकेट की साझेदारी
पहले मैच में शिखर धवन महज 9 रन बनाकर आउट हो गए थे। इसकी पूरी भरपाई उन्होंने रांची में की। पुणे टी-20 के मैन ऑफ द मैच रजिता पर तो उन्होंने शुरुआत से ही 'हमला' बोल दिया। टी-20 में अपना पहला अर्धशतक उन्होंने 22 गेंदों पर सात चौकों, दो छक्कों की मदद से पूरा किया। टीम इंडिया के लिहाज से यह टी-20 में पांचवां सबसे तेज अर्धशतक था। धवन ने 25 गेंदों पर 51 रन बनाए और रोहित शर्मा के साथ पहले विकेट के लिए महज सात ओवर में 75 रन जोड़कर जीत की बुनियाद रख दी।
अहम मौके पर जडेजा के 'वह' दो झटके
तीन विकेट गंवाने के बाद कप्तान दिनेश चंडीमल (31) और चामरा कपुदेगरा (32) ने श्रीलंका की वापसी के लिए प्रयास किया। इस अनुभवी जोड़ी ने चौथे विकेट के लिए 52 रन जोड़े लेकिन पारी के 12वें ओवर में जडेजा की लगातार दो गेंदों पर इन दोनों के आउट होते ही श्रीलंका के संघर्ष पर 'विराम' लग गया। इसके बाद भारतीय जीत की महज औपचारिकता ही शेष रह गई थी। हालांकि मैच में तिसारा परेरा की तरह हैट्रिक बनाने की जडेजा की हसरत को शनाका ने पूरा नहीं होने दिया।
हार्दिक पांड्या ने बल्ले से दिखाई चमक
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में हार्दिक पांड्या को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था, जबकि पुणे के पहले मैच में वे केवल दो रन बना पाए थे। बहरहाल, धोनी के होम ग्राउंड पर हार्दिक ने महज 12 गेंदों पर 27 रन (एक चौका, दो छक्के, स्ट्राइक रेट 225) बनाते हुए अपनी उपयोगिता साबित कर दी। अपने छोटे से इंटरनेशनल करियर में ही हार्दिक ने जो प्रदर्शन किया है, उससे लगता है कि छठवें-सातवें क्रम पर टीम की ऐसे खिलाड़ी की तलाश पूरी हो गई है जो बल्लेबाजी में हाथ दिखाने के अलावा गेंदबाजी भी कर सके।
अश्विन और नेहरा ने श्रीलंका की शुरुआत बिगाड़ दी
टीम इंडिया ने मेहमान टीम के सामने 197 रन का लक्ष्य रखा था। ऐसे में श्रीलंका के लिए तेज शुरुआत जरूरी थी, लेकिन शुरुआती चार ओवरों ने ही मैच का नतीजा काफी हद तक भारत के पक्ष में मोड़ दिया। अश्विन की ओर से फेंके गए पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर दिलशान आउट हो गए। रही-सही कसर नेहरा की ओर से फेंके गए पारी के दूसरे और चौथे ओवर में पूरी हो गई। नेहरा ने अपने पहले ओवर में प्रसन्ना और दूसरे ओवर में गुणतिलका को आउट किया। 16 रन तक श्रीलंका के तीन विकेट गिर चुके थे। इन झटकों से टीम आखिर तक उबर नहीं पाई।
शिखर धवन की जबर्दस्त बल्लेबाजी और पहले विकेट की साझेदारी
पहले मैच में शिखर धवन महज 9 रन बनाकर आउट हो गए थे। इसकी पूरी भरपाई उन्होंने रांची में की। पुणे टी-20 के मैन ऑफ द मैच रजिता पर तो उन्होंने शुरुआत से ही 'हमला' बोल दिया। टी-20 में अपना पहला अर्धशतक उन्होंने 22 गेंदों पर सात चौकों, दो छक्कों की मदद से पूरा किया। टीम इंडिया के लिहाज से यह टी-20 में पांचवां सबसे तेज अर्धशतक था। धवन ने 25 गेंदों पर 51 रन बनाए और रोहित शर्मा के साथ पहले विकेट के लिए महज सात ओवर में 75 रन जोड़कर जीत की बुनियाद रख दी।
अहम मौके पर जडेजा के 'वह' दो झटके
तीन विकेट गंवाने के बाद कप्तान दिनेश चंडीमल (31) और चामरा कपुदेगरा (32) ने श्रीलंका की वापसी के लिए प्रयास किया। इस अनुभवी जोड़ी ने चौथे विकेट के लिए 52 रन जोड़े लेकिन पारी के 12वें ओवर में जडेजा की लगातार दो गेंदों पर इन दोनों के आउट होते ही श्रीलंका के संघर्ष पर 'विराम' लग गया। इसके बाद भारतीय जीत की महज औपचारिकता ही शेष रह गई थी। हालांकि मैच में तिसारा परेरा की तरह हैट्रिक बनाने की जडेजा की हसरत को शनाका ने पूरा नहीं होने दिया।
हार्दिक पांड्या ने बल्ले से दिखाई चमक
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में हार्दिक पांड्या को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था, जबकि पुणे के पहले मैच में वे केवल दो रन बना पाए थे। बहरहाल, धोनी के होम ग्राउंड पर हार्दिक ने महज 12 गेंदों पर 27 रन (एक चौका, दो छक्के, स्ट्राइक रेट 225) बनाते हुए अपनी उपयोगिता साबित कर दी। अपने छोटे से इंटरनेशनल करियर में ही हार्दिक ने जो प्रदर्शन किया है, उससे लगता है कि छठवें-सातवें क्रम पर टीम की ऐसे खिलाड़ी की तलाश पूरी हो गई है जो बल्लेबाजी में हाथ दिखाने के अलावा गेंदबाजी भी कर सके।
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