विराट कोहली क्यों ले रहे हैं उल्टे-पुल्टे फैसले, किस बात की उन्हें टेंशन?

विराट कोहली क्यों ले रहे हैं उल्टे-पुल्टे फैसले, किस बात की उन्हें टेंशन?

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने कोहली का आत्मविश्वास क्यों नहीं नजर आ रहा है?

खास बातें

  • पुणे टेस्ट में विराट स्टीव ओ कीफ की गेंद का स्पिन नहीं समझ पाए.
  • बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में नॉथन लियोन की गेंद को वे पढ़ ही नहीं पाए.
  • ऑस्ट्रेलिया सीरीज की चार पारियों में कोहली ने 0, 13, 12 और 15 रन बनाए.
बेंगलुरु:

क्या विराट कोहली की बल्लेबाजी पर कप्तानी का दबाव पड़ रहा है? क्यों विराट कोहली के निर्णय गलत साबित हो रहे हैं? क्यों वे गेंद को परख नहीं पा रहे हैं? पुणे टेस्ट की दूसरी पारी में स्टीव ओ कीफ की गेंद को उन्होंने छोड़ दिया. गेंद उनकी गिल्लियां ले उड़ी. साफ था कोहली गेंद की टर्न को समझ नहीं पाए.
 
गलती तो हर बल्लेबाज करता है, लेकिन महान खिलाड़ी से गलती दोहराने की उम्मीद नहीं होती. मौजूदा दौर का सबसे कामयाब बल्लेबाज बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में भी वही गलती कर बैठा. नॉथन लियोन की गेंद को वे पढ़ ही नहीं पाए और छोड़ दिया. साफ एलबीडब्ल्यू होने के बावजूद उन्होंने डीआरएस मांग लिया. नतीजा नहीं पलटा जा सका.
 
दूसरी पारी में जॉश हेजलवुड की गेंद पर उन्हें फिर एलबीडब्ल्यू करार दिया गया. विराट ने तुरंत रिव्यू मांगा. उनके मुताबिक गेंद उनके बल्ले से टकराकर पैड पर गई थी. रिव्यू में बैट और पैड पर गेंद एक साथ टकराती दिखी. डीआरएस से भी साफ तौर पर पता ना चलने पर अंपायर के फैसले को बरकरार रखा गया. भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज की पहली चार पारियों में कोहली का स्कोर रहा है 0, 13, 12 और 15 रन.

इस सीरीज के पहले कोहली की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और बांग्लादेश को हराकर लगातार 6 सीरीज जीती. इस दौरान 19 मैचों में 63.71 की औसत से कोहली ने 1784 रन बनाए. इसमें 4 दोहरे शतक शामिल हैं. 
 
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने कोहली का आत्मविश्वास क्यों नहीं नजर आ रहा है? ये तो साफ हो चुका है कि इस बार ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का होमवर्क जबरदस्त रहा है. 13 साल में पहली बार भारत को भारत की पिच पर पटखनी देना बड़ी बात है. खासकर ये देखते हुए कि सीरीज के पहले टीम इंडिया लगातार 19 टेस्ट में अपराजेय रही थी.
 
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने कोहली पर फब्ती कसते हुए कहा, 'ऑस्ट्रेलियाई कोहली के दिलोदिमाग पर हावी हो गए हैं, भारत के लिए ये काफी लंबा घरेलू सीजन रहा है. भारतीय बोर्ड ने टीम इंडिया को इतना क्रिकेट खेलने को कहा है और एक बार आप इस खेल में पिछड़ने लगते हैं तो फिर वापसी करना बेहद मुश्किल होता है. मैं ये नहीं कह रहा कि वो वापसी नहीं कर सकते. विराट के दिमाग में हम ऑस्ट्रेलियन्स हैं. बल्कि, पूरा देश हमारे बारे में सोच रहा होगा क्योंकि सीरीज से पहले हर तरफ इसकी चर्चा थी.'
 
वहीं पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर कहते हैं, 'दूसरे क्या कह रहे हैं इस पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा. हर किसी को अपना विचार रखने का हक है. ये सच है कि लगाकर दो मैच में विराट कोहली गेंद को परख नहीं सके हैं. उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है. पूरे सीजन उन्हें देखने के बाद मेरी राय ये है कि वो विकेट पर स्थिर होकर नहीं खेल रहे हैं. उनका मूवमेंट जरुरत से ज्यादा है. दिमागी तौर पर विराट मजबूत है. इस समय तकनीक में उन्हें कुछ परेशानी है.' विराट कोहली के सामने सबसे बड़ी चुनौती है बुरे दौर से जल्दी निकलने की है.


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