रणजी ट्रॉफी सालों तक भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते हुए सितारों से लेकर फॉर्म को लेकर जूझ रहे स्टार खिलाड़ियों के लिए बैकबोन रही है. राष्ट्रीय स्तर का यह टूर्नामेंट दशकों से ऐसे चैंपियन तैयार करने का केंद्र रहा है, जिन्होंने आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का नाम ऊंचा किया है. हालांकि, अब इस टूर्नामेंट में खेलने से कई दिग्गज खिलाड़ी कतराते नजर आ रहे हैं. आईपीएल के बाद से माना जा रहा है कि टूर्नामेंट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और खिलाड़ियों का फोकस अब आईपीएल है. हाल ही में बंगाल टीम से संन्यास लेने वाले मनोज तिवारी ने बीसीसीआई को इस टूर्नामेंट को बंद करने की सलाह दी थी. मनोज तिवारी को इस टूर्नामेंट से कई शिकायतें हैं और वह बीसीसीआई के सामने यह मुद्दे उठाना चाहते हैं.
भारत के लिए 12 वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले मनोज तिवारी ने कहा है कि जैसे खिलाड़ियों का डोप टेस्ट होता है वैसे ही रणजी ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में अंपायरिंग करने वाले अंपायरों को भी डोप टेस्ट से गुजरना चाहिए. मनोज तिवारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,"मैं निश्चित रूप से ऐसा करूंगा. अगर किसी खिलाड़ी को डोप टेस्ट से गुजरना पड़ता है, तो इसे घरेलू अंपायरों तक बढ़ाया जाना चाहिए. कई बार मैंने अंपायरों को हैंगओवर के साथ ही मैदान पर आते देखा है. अंपायर ऐसे दिखते हैं जैसे नींद में हो. कैसे क्या वह ऐसी स्थिति में ठीक से काम कर सकता है?"
मनोज तिवारी ने आगे कहा,"मैंने पूछा, सर, क्या लिया था कल रात में?) उनका जवाब था,"मुझे व्हिस्की पसंद है और ऐसा कहकर वो हंसने लगे. बीसीसीआई को प्रत्येक सीज़न की शुरुआत से पहले प्रत्येक अंपायर की सुनने और देखने की क्षमता की जांच करानी चाहिए."
मनोज तिवारी ने हाल ही में कहा था कि रणजी ट्रॉफी को खत्म कर देना चाहिए. तिवारी ने कहा था,"रणजी ट्रॉफी को अगले सीज़न से कैलेंडर से हटा दिया जाना चाहिए. टूर्नामेंट में बहुत सी चीजें गलत हो रही हैं. यह टूर्नामेंट, जिसका समृद्ध इतिहास है, इसको बचाने के लिए कई चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है. यह अपना आकर्षण खो रहा है और महत्व खो रहा है."
उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू सर्किट में अंपायरिंग में सुधार की जरूरत है. मनोज तिवारी ने हाल ही में अंपायरिंग को लेकर कहा था,"मेरे लिए अंपायरिंग मुख्य चिंता है. पूरे सम्मान के साथ, लेकिन घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग का स्तर खराब है. बीसीसीआई को सोचना चाहिए कि वे अंपायरिंग में कैसे सुधार कर सकते हैं. यह एक या दो सीज़न के बारे में नहीं है, लेकिन मैं यह कई सालों से देख रहा हूं. बड़ी गलतियां हैं लेकिन कुछ बचकानी गलतियां भी हैं."
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