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पानी के खेल से हारा भारत? कोलकाता की पिच को टेस्ट मैच से पहले 4 दिनों तक नहीं दिया गया पानी

ईडन गार्डन्स की पीच पर पहले टेस्ट से पूर्व 4 दिनों तक पानी का छिड़काव नहीं किया गया था.

पानी के खेल से हारा भारत? कोलकाता की पिच को टेस्ट मैच से पहले 4 दिनों तक नहीं दिया गया पानी
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  • भारत की टीम प्रबंधन ने ईडन गार्डन्स की पिच को चार दिनों तक पानी न देने का निर्देश दिया था
  • पिच की तैयारी में हेड ऑफ क्यूरेटर्स और कोलकाता के क्यूरेटर ने मिलकर टीम प्रबंधन की मांग अनुसार काम किया था
  • गौतम गंभीर ने पिच की तैयारी के लिए कोलकाता क्यूरेटर की प्रशंसा की और इस जिम्मेदारी को खुद पर लिया था
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चार दिनों तक पानी नहीं दिया गया. भारत की टीम प्रबंधन ने ईडन गार्डन्स को यही निर्देश दिया था, और पिच ने ठीक वैसा ही व्यवहार किया जैसा सोचा गया था—नीची, धीमी, दरारों से भरी, और पहले गेंद से ही क्रिकेट की भावना से बिल्कुल अलग, एकदम अराजक. गौतम गंभीर ने एक ऐसी पिच चाही थी जो जल्दी टूट जाए, कोलकाता ने वही दिया. लेकिन जब भारत 30 रन से दक्षिण अफ्रीका से हार गया, तो उन्होंने जो पिच तैयार की थी वो मेहमान टीम की मददगार 12वां खिलाड़ी बन गया.

सूत्रों के के मुताबिक ईडन को निर्देश देकर ढका और सूखा रखा गया, जिससे कोलकाता की पिच जांच के दायरे में आ गई है. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के एक सूत्र ने NDTV को बताया, 'टीम प्रबंधन के निर्देश पर पिच को चार दिनों तक पानी नहीं दिया गया. जब ओस आई, तो क्यूरेटर की इच्छा से नहीं, बल्कि टीम प्रबंधन के निर्देश पर काम किया गया और इस पर कवर रखा गया.'

नवंबर में कोलकाता का मौसम मुश्किल हो सकता है - ठंडी, शुष्क सुबह, गर्म दोपहर, और हवा में इतनी कड़वाहट कि अच्छी तरह से तैयार की गई पिच भी दरारें दिखा सकती है. भारत के टॉप क्रिकेटिंग माइंड्स ने एक ऐसी पिच चाही थी जो पहले दिन से ही टूट जाए और ईडन ने वही दिया. गेंद अलग तरीके से घूमी, उछली, और कभी-कभी बिना किसी वजह के उछल गई. पिच ने आखिरकार भारतीय टीम के खिलाफ काम किया.

टॉस से पहले ही, बीसीसीआई ने अपने हेड ऑफ क्यूरेटर्स, अशीष भौमिक को क्यूरेटर सुजन मुखर्जी के साथ काम करने के लिए भेज दिया था, ताकि वही पिच तैयार हो जो टीम प्रबंधन चाहता था. हार के बाद, गौतम गंभीर ने क्यूरेटर की प्रशंसा की. 'उन्होंने हमें वही दिया जो हम चाहते थे. उन्होंने बहुत मेहनत की.' भारतीय कोच गंभीर ने ऐसा कहकर पिच की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली.

दो दिनों बाद, गंभीर का मुखर्जी को गले लगाने की तस्वीर वायरल हो गई. एक ऐसी तस्वीर जिसने विवाद को और बढ़ा दिया. यह कहानी गंभीर के कोलकाता नाइट राइडर्स के दिनों से जुड़ी है. कप्तान और बाद में मेंटर के रूप में, उन्होंने हमेशा टर्निंग ट्रैक्स के लिए जोर दिया. यहां तक कि जब उनके पास विश्व स्तरीय स्पिनर थे, यह मानते हुए कि केकेआर अपनी ताकत पर जीत हासिल करेगा.

सौरव गांगुली, जो तब बीसीसीआई के अध्यक्ष थे, ने हाई-स्कोरिंग, यानी 190 से अधिक की पिच चाही थी ताकि मुकाबला रोमांचक रहे. यह तनाव अभी भी बना हुआ है. अब सीएबी के अध्यक्ष के रूप में, गांगुली ने पिच तैयार करने में कोई हस्तक्षेप नहीं किया, हालांकि अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि वह पिच से 'बेहद असंतुष्ट' थे.

मैच के बाद NDTV से EXCLUSIVE इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, 'अच्छी पिचों पर खेलो. मुझे उम्मीद है गौतम गंभीर सुन रहे होंगे.' उन्होंने ये भी कहा, 'मुझे उनके लिए बहुत सम्मान है… लेकिन उन्हें अच्छी पिचों पर खेलना चाहिए. क्योंकि उनके पास बुमराह, सिराज, शमी, कुलदीप, जडेजा हैं.'

कई लोगों का मानना है कि गांगुली ने बीसीसीआई के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया—विशेषकर जब कोलकाता 2026 टी-20 वर्ल्ड कप के लिए सेमीफाइनल की तैयारी कर रहा है. अंत में, भारत ने जो पिच जीतने के लिए तैयार की थी, वह उनके लिए हार का कारण बन गई. ईडन ने वही दिया जो गंभीर चाहते थे—लेकिन जो आखिरकार द. अफ्रीकी टीम के लिए अमृत और टीम इंडिया के लिए विष जैसा साबित हुआ.

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