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दुश्मन के टैंकों का काल बनेगी ये मिसाइल, अमेरिका से भारत को मिलेगा बड़ा जखीरा- कितनी बढ़ेगी आर्मी की ताकत?

अमेरिका ने भारत को जैवलिन मिसाइल सिस्टम, एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल और उनसे जुड़े उपकरणों की संभावित बिक्री को मंजूरी दे दी है.

दुश्मन के टैंकों का काल बनेगी ये मिसाइल, अमेरिका से भारत को मिलेगा बड़ा जखीरा- कितनी बढ़ेगी आर्मी की ताकत?
  • अमेरिका ने भारत को जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल और एक्सकैलिबर आर्टिलरी राउंड की खरीद के लिए मंजूरी दी है
  • जैवलिन मिसाइल फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक पर आधारित है और इसमें तीन अटैक मोड होते हैं
  • एक्सकैलिबर आर्टिलरी राउंड अत्याधुनिक है जो हर मौसम में लंबी दूरी पर सटीक और प्रभावी प्रहार सुनिश्चित करता है
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अब चीन और पाकिस्तान के टैंकों की खैर नहीं. भारत नई एंटी-टैंक मिसाइलें और एडवांस तोप के गोले मिलने वाले हैं. भारत अमेरिका से जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों और एक्सकैलिबर प्रिसिजन-गाइडेड आर्टिलरी राउंड की खरीद करेगा और इससे भारतीय सेना की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा. अमेरिका ने भारत को करीब 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी है. इस डील के तहत भारत को 100 जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें और 216 एक्सकैलिबर प्रिसिजन-गाइडेड आर्टिलरी राउंड मिलेंगे. अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने इसका ऐलान किया है.

डीएससीए के मुताबिक भारत ने जो मांगें रखी थीं, उनमें मिसाइलों और आर्टिलरी राउंड्स के अलावा लाइफसाइकल सपोर्ट, सिक्योरिटी इंस्पेक्शन, ऑपरेटर ट्रेनिंग, रिफर्बिशिंग सर्विस और अन्य जरूरी सहायता सेवाएं भी शामिल हैं. डीएससीए का यह भी कहना है कि इससे अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी. मौजूदा व भविष्य के खतरों से निपटने में भारत की क्षमता काफी बढ़ेगी. साथ में यह भी स्पष्ट किया गया कि इस सौदे से एशिया के सैन्य संतुलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

भारत की ताकत कैसे बढाएंगे  जैवलिन मिसाइल और एक्सकैलिबर?

अब जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल की खासियत की बात करें तो यह फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल है जो लड़ाई का समीकरण बदल देती है. इसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन और रेथियॉन ने विकसित किया है. यह हल्के वजन और आसान उपयोग के लिए भी जानी जाती है. इस मिसाइल ने अफगानिस्तान, सीरिया और इराक में अपनी उपयोगिता साबित की है.

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इसकी कमांड लांच यूनिट इसे न सिर्फ हमला करने बल्कि टारगेट की खोज में भी सक्षम बनाती है. अधिकतर इसे कंधे पर रखकर फायर किया जाता है. इस मिसाइल में तीन अटैक मोड हैं- टॉप अटैक, डायरेक्ट अटैक और सॉफ्ट लॉन्च, जो इसे खुले मैदान से लेकर बिल्डिंग जैसी बंद जगहों से भी फायर करने योग्य बनाते हैं. इसके मुख्य फीचर्स पर नजर डालें तो इसकी रेंज 2.5 किमी है पर हल्के वॉरहेड के साथ 4.5 किमी है. इसका वजन 22.1 किलोग्राम है. वही वारहेड 8.4 किलोग्राम की होता है. रफ्तार 140 मीटर प्रति संकेड की है.

इसकी खासियत है कि यह लॉन्च के बाद मिसाइल खुद टारगेट की ओर बढ़ती है, जिससे ऑपरेटर सुरक्षित स्थान ले सकता है.

वहीं एक्सकैलिबर की बात करें तो इसे रेथियान और बोफोर्स ने मिलकर बनाया है. कंपनी का दावा है कि इसका एक राउंड 10 पारंपरिक गोलों के बराबर असर वाला होता है. यह एक अत्याधुनिक गाइडेड आर्टिलरी राउंड है. यह हर मौसम में, अधिकतम दूरी पर भी पहले ही शॉट में सटीक प्रहार करने में सक्षम है. यह  39-कैलिबर आर्टिलरी की रेंज 40 किलोमीटर, तो 52-कैलिबर की आर्टीलरी की पहुंच 50 किमी और  58-कैलिबर की रेंज को 70 किमी तक बढ़ा देती है. 

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यह भारत के पास मौजूद  एम 777 हॉवित्जर तोप के साथ यह फायरिंग के लिए पूरी तरह कम्पैटिबल है. इस सिस्टम को दूसरे आर्टीलरी सिस्टम के साथ भी इंटीग्रेट किया जा सकता है जिससे उसकी सटीकता और बढ जाती है. भारत के अलावा स्वीडन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जॉर्डन, स्पेन और नीदरलैंड्स भी इस सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं.

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