
ऑनलाइन गेमिंग रियल मनी गेम्स और क्रिप्टो को लेकर भारत सरकार लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है. बीते महीने देश में तेजी से बढ़ती ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया को कंट्रोल और सही दिशा देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है.20 अगस्त 2025 को लोकसभा में Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 पेश किया गया और उसी दिन पास भी हो गया. इसके अगले दिन राज्यसभा से भी इस बिल को मंजूरी मिल गई. फिर 22 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की अनुमति के साथ यह बिल अब कानून बन चुका है, जिसे Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 के नाम से जाना जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद NDTV Profit के GST कॉन्क्लेव में बताया कि यह फैसला टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं, बल्कि उस लत और नुकसान के खिलाफ है, जो धीरे-धीरे भारत के लाखों परिवारों की जिंदगी में जहर बन चुका है.
ऑनलाइन गेमिंग पर कार्रवाई की क्यों पड़ी जरूरत?
‘ऑनलाइन गेमिंग' का क्या मतलब है?
इस नए कानून के मुताबिक, ‘ऑनलाइन गेम' का मतलब है ऐसा कोई भी गेम जो इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल डिवाइस पर खेला जाता है और जिसे इंटरनेट या किसी अन्य डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिए ऑपरेट किया जाता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल करीब 45 करोड़ भारतीय ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में फंसकर अपना करीब 20000 करोड़ रुपए तक गंवा लेते हैं.
सरकार ने टेक्नोलॉजी नहीं, सट्टेबाजी पर कसा शिकंजा
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार टेक्नोलॉजी से बनी गेम्स या डिजिटल एंटरटेनमेंट के खिलाफ नहीं है. लेकिन जब कोई गेम पैसा लगाने या दांव पर खेलने की ओर ले जाता है, तो यह सीधा-सीधा ऑनलाइन जुआ बन जाता है, जिससे परिवार टूट रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी लड़ाई टेक्नोलॉजी से नहीं है, जुए से है. अगर आम लोग पीएम ऑफिस से लेकर मंत्रियों को ईमेल, SMS और व्हाट्सएप भेजकर बता रहे हैं कि उनका परिवार इस वजह से बर्बाद हो रहा है, तो क्या सरकार को चुप बैठना चाहिए?
क्रिप्टो ट्रेडिंग पर भी सरकार का सख्त नियम
बता दें कि यह वही रवैया है जो सरकार ने पहले क्रिप्टोकरेंसी के मामले में भी अपनाया था. सरकार का मानना है कि जब तक आदत नहीं बदलेगा, सिर्फ नियम बना देने से बात नहीं बनेगी. जैसे बहुत से लोग VPN के जरिए विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर जाकर आज भी क्रिप्टो ट्रेडिंग कर रहे हैं, वैसे ही ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के मामले में भी भारतीय पैसा विदेश जा रहा है.
भारतीय स्टार्टअप को नुकसान, विदेशी कंपनियों को फायदा!
सरकार के इस फैसले पर यह भी बहस चल रही है कि इससे भारतीय स्टार्टअप्स को नुकसान हो रहा है. कई Web 3.0 और गेमिंग से जुड़ी कंपनियां भारत से निकलकर दुबई जैसी जगहों पर जा रही हैं. जबकि असली पैसा अभी भी भारत से ही जा रहा है.
कई राज्यों ने पहले ही लगाई थी पाबंदी
केंद्र सरकार से पहले भी देश के कई राज्य रियल मनी गेम्स और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर बैन लगा चुके हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा, ये सिर्फ भारत सरकार का फैसला नहीं है, राज्यों ने भी इसे खतरनाक माना है. कई राज्यों ने पहले ही इस पर रोक लगाई है, तो इसकी गंभीरता समझी जा सकती है.
वित्त मंत्री की अपील, टेक्नोलॉजी और जुए के बीच फर्क समझें
वित्त मंत्री का साफ कहना है कि हमें टेक्नोलॉजी और जुए के बीच एक मजबूत लाइन खींचनी होगी. ऑनलाइन गेमिंग तब तक ठीक है जब तक वह मनोरंजन के लिए है, लेकिन जब वह सट्टेबाजी या पैसे लगाने का माध्यम बन जाती है, तो यह बच्चों और परिवारों के लिए खतरा बन जाती है.अब बात सिर्फ गेम की नहीं है, जिम्मेदारी की है और सरकार ने ये जिम्मेदारी निभाने का फैसला लिया है.
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