यह ख़बर 31 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सुशील की कलम से : 2014 में क्रिकेट जगत में बने कई रिकॉर्ड, टूटे कई सपने

नई दिल्ली:

हर साल की तरह 2014 भी एक ऐसा साल रहा, जिसमें 12 महीने, 365 दिन, 8,760 घंटे ही थे... इस साल भी हमेशा की तरह खुशी और गम के बीच कहीं रिकॉर्ड बने, कहीं सपने टूटे, लेकिन आइए, नज़र डालते है, क्रिकेट के लिहाज़ से कैसा रहा यह साल...

अगर इस साल कोई ख़बर सबसे ज्यादा लोगों के दिलों तक पहुंची, तो वह है फिल ह्यूज, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी... समय से पहले ही समय ने उन्हें अपने पास बुला लिया... फिलिप ह्यूज की मौत क्रिकेट बॉल लगने से हुई, 30 नवंबर को वह अपना जन्मदिन मनाने वाले थे, लेकिन किसे पता था कि किस्मत में कुछ और लिखा हुआ है। तीन दिन पहले ही 27 तारीख को फिलिप जिस बाउंसर बॉल को खेलने के माहिर माने जाते थे, वही उनकी मौत का कारण  बन गई। सिडनी के मैदान पर जब वह 63 रन पर खेल रहे थे, एक शॉर्ट पिच बॉल उनके सिर पर लगी और दो दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। समूचा क्रिकेट जगत इसके बाद एक साथ खड़ा नज़र आया... वैसे भी, नवंबर का महीना उनके जीवन में हमेशा खास रहा... 30 नवंबर, 1988 को उनका जन्म हुआ था, 23 नवंबर को उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी और 27 नवंबर को उनकी मौत हुई। क्रिकेट प्रेमियों के दिल में वह हमेशा नॉट आउट ही रहेंगे... वैसे, क्रिकेट बॉल लगने से एक और मौत हुई, इस्राइल के शहर अशडोड में एक स्थानीय क्रिकेट मैच के दौरान गेंद लगने से अम्पायर हिलेल अवास्कर की।

टेस्ट से धोनी का संन्यास
महेंद्र सिंह धोनी का टेस्ट मैच को अलविदा कहना भी इस साल क्रिकेट के लिए एक बहुत बड़ी घटना रहा। ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद जब क्रिकेट विश्लेषक हार के कारण ढूंढ़ने में लगे हुए थे, धोनी ने संन्यास का ऐलान किया। धोनी अपने करियर में खेले 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4,876 रन बनाए, लेकिन एक-दिवसीय मैचों में उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। धोनी ने अपने करियर के 250 एक-दिवसीय मैचों में करीब 53 की औसत से 8,192 रन बनाए हैं। इसके अलावा धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान भी रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्डकप और 2011 का वन-डे वर्ल्डकप जीता।

टूटा अजमल का ख्वाब
इस साल जिस क्रिकेटर का दिल टूटा, वह है सईद अजमल। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पाकिस्तान के ऑफ स्पिन गेंदबाज सईद अजमल पर गेंदबाजी में अवैध एक्शन को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन अजमल हार मानने वाले नहीं हैं। अपने बॉलिंग एक्शन को सुधारने में लगे हुए हैं, उम्मीद है कि वर्ष 2015 में वह अंतरराष्ट्रीय मैचों में वापसी करेंगे।

सबसे तेज़ वन-डे शतक...
वर्ष 2014 में न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर कोरी एंडरसन ने एक-दिवसीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज शतक लगाया। एंडरसन ने शतक जड़ने के लिए केवल 36 गेंदों का सामना किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के नाम था, जिन्होंने वर्ष 1996 में श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंदों में शतक ठोका था।

रोहित शर्मा का दूसरा दोहरा शतक...
जिस वक्त रोहित शर्मा के करियर को लेकर सवाल उठने लगे थे, उन्होंने ऐतिहासिक ईडन गार्डन मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ 173 गेंदों पर 264 रन की बेहतरीन पारी खेली, जो वन-डे क्रिकेट में अब तक की न सिर्फ सबसे बड़ी पारी थी, किसी भी क्रिकेटर द्वारा वन-डे में लगाया दूसरा दोहरा शतक भी था। रोहित ने अपनी पारी में 33 चौके और नौ शानदार छक्के भी लगाए।
 
मिसबाह-उल-हक का टेस्ट में सबसे तेज शतक...
पाकिस्तान के कप्तान मिसबाह-उल-हक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 56 गेंदों पर शतक ठोककर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक के विव रिचर्ड्स के रिकॉर्ड की बराबरी की। इस बेहतरीन शतक में उन्होंने 11 चौके और पांच छक्के लगाए। रिचर्ड्स ने भी 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ 56 गेंदों में शतक पूरा किया था।

महेंद्र सिंह धोनी के दो रिकॉर्ड...
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट के दौरान ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर मिशेल जॉनसन को स्टंप करके अंतरराष्ट्रीय मैचों में 134वीं स्टंपिंग का रिकॉर्ड बनाया, जो उनसे पहले श्रीलंका के विकेटकीपर कुमार संगकारा के नाम था।

मुमकिन है, धोनी का दूसरा रिकॉर्ड क्रिकेट प्रेमियों को खुशी नहीं देगा, लेकिन रिकॉर्ड तो रिकॉर्ड है... विदेशी धरती में बतौर टेस्ट कप्तान धोनी आठवीं बार बिना खाता खोले आउट हुए, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। ब्रिस्बेन टेस्ट की दूसरी पारी में इस तरह आउट होते ही वह सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं। वैसे, सिर्फ 2014 की बात करें तो पाकिस्तानी खिलाड़ी राहत अली सात मैचों में सबसे ज्यादा चार बार शून्य पर आउट हुए।

भारत के लिए 2014 कुछ खास नहीं रहा। भारत में 10 टेस्ट मैचों में से सिर्फ एक में जीत हासिल की, जबकि छह में वे हारे, और तीन ड्रा रहे। 2014 में भारत ने कोई भी टेस्ट मैच घेरलू मैदान पर नहीं खेला। टीम इंडिया न्यूज़ीलैंड में 1-0 से हारी, इंग्लैंड में 3-1 से और ऑस्ट्रेलिया में 2-0 से पीछे है। जो एकमात्र मैच भारत ने जीता, वह इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में था। उस मैच में इशांत शर्मा ने शानदार बॉलिंग करते हुए भारत को जीत दिलवाई। इशांत ने दूसरी पारी में सात विकेट लिए। पहली पारी में अजिंक्य रहाणे ने शानदार शतक लगाया था, जो लॉर्ड्स पर पहला और विदेशी मैदान पर उनका दूसरा शतक था।

2014 में खिलाड़ी
अगर खिलाड़ियों के लिहाज से देखें तो 2014 कुमार संगकारा के लिए काफी शानदार रहा। श्रीलंकाई विकेटकीपर संगकारा ने टेस्ट और वन-डे में सबसे ज्यादा रन बनाए। संगकारा ने 12 टेस्ट मैचों में 71.9 की औसत से 1,493 रन बनाए, जिनमें चार शतक और नौ अर्द्धशतक शामिल हैं। 28 वन-डे मैचों में उन्होंने 46.51 की औसत से 1,256 रन बनाए। जहां संगकारा इस सूची में पहले नंबर पर रहे, वहीं श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज वन-डे और टेस्ट, दोनों में दूसरे नंबर पर रहे। मैथ्यूज ने 12 टेस्ट मैचों में करीब 88 की औसत से 1,317 रन बनाए, जिनमें तीन शतक और आठ अर्द्धशतक शामिल हैं। वन-डे में मैथ्यू ने 32 मैचों में 62 की औसत से 1,244 रन बनाए, जिनमें एक शतक और नौ अर्द्धशतक शामिल हैं।

यूनुस खान टेस्ट में तीसरे स्थान पर रहे और विराट कोहली वन-डे मैचों में तीसरे स्थान पर काबिज हुए। यूनुस ने 10 टेस्ट मैचों में 71.35 की औसत से 1,213 रन बनाए, जबकि कोहली ने 21 वन-डे मैचों में 58.55 की औसत से 1,054 रन बनाए। अगर इंडिविजुअल शतकों की बात करें तो डेविड वॉर्नर ने सबसे ज्यादा नौ मैचों में छह शतक ठोके, जबकि एक-दिवसीय मैचों में हाशिम आमला ने 18 मैचों में पांच शतक लगाए। अगर भारत की बात की जाए, तो विराट कोहली ने वन-डे और टेस्ट मैचों में चार-चार शतक ठोके।

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चलिए, अब गेंदबाज़ी की बात भी कर लेते हैं। रंगना हेराथ के लिए कमाल का साल रहा 2014, जहां उन्होंने 10 टेस्ट मैच खेले और 60 विकेट हासिल किए। दूसरे और तीसरे स्थान पर मिशेल जॉनसन और जेम्स एंडरसन रहे। जॉनसन को नौ मैचों से 47 विकेट मिले, जबकि एंडरसन ने आठ मैचों में 40 विकेट चटकाए। अगर एक-दिवसीय मैचों की बात की जाए, तो अजंता मेंडिस को 2014 में सबसे ज्यादा विकेट मिले हैं और दूसरे स्थान पर भारत के मोहम्मद शामी हैं।