
गंगा किनारे बसे कटिहार के मिर्जापुर गांव की पूरे बिहार में खास पहचान है. मनिहारी अनुमंडल स्थित मिर्जापुर गांव के अधिकतर लोग भारतीय सेना से जुड़े हुए हैं. लगभग 300 से 400 युवक अलग-अलग पदों में आर्मी, नौ सेना और एयरफोर्स में सेवा दे रहे हैं. सेना में भर्ती होने के लिए इस गांव के युवा बचपन से ही कड़ी मेहनत करते हैं. डिग्री चाहे कोई भी हो इस गांव के लोग सेना में नौकरी को प्राथमिकता देते हैं. इस गांव के दो युवकों के मातृभूमि के लिए शहीद होने के बावजूद, यहां के युवाओं में भारतीय सेना में नौकरी पाने का जुनून कम नहीं हुआ है. यहां तक की 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सेना का हिस्सा बनने का जोश ओर बढ़ गया है.
शहीदों की भूमि
गांव के मुखिया पिंटू कुमार यादव ने कहा कि इस गांव को शहीद की भूमि कहा जाता है. गांव के दो-दो जवान कारगिल युद्ध में शहीद हुए हैं. यहां 25 हजार की आबादी है, इस समय 300 से 400 युवक सेना में हैं. 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात करते हुए पिंटू कुमार यादव ने कहा कि जोश जुनून में है, अगर हमें भी बॉर्डर पर भेजा जाएगा तो हम तैयार हैं.
बता दें कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' ने देश के लोगों को इतना प्रभावित किया है कि कई परिवारों ने इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है. कटिहार में जन्मे एक बच्चे का नाम ‘सिंदूर' रखा गया है. इस बात का जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात' में भी किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' महज एक सैन्य मिशन नहीं है, बल्कि यह ‘‘बदलते भारत की तस्वीर'' है जो वैश्विक मंच पर देश के संकल्प, साहस और बढ़ती ताकत को दर्शाती है. कटिहार और कुशीनगर जैसे शहरों में परिवारों ने ‘ऑपरेशन' के सम्मान में अपने नवजात शिशुओं का नाम ‘सिंदूर' रखा.''
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं