
- भाजपा ने बिहार चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए कार्य प्रदर्शन और आंतरिक सर्वे रिपोर्ट को आधार बनाया है
- बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी ने 125 सीटों की रणनीति पर चर्चा हुई
- पार्टी एंटी-इनकंबेंसी को गंभीरता से लेते हुए कई सीटों पर महिला और युवा चेहरों को मौका देने का मन बना रही है
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनाव समिति की बैठक से एक बात तो साफ हो गई है कि पार्टी इस बार उम्मीदवारों को कई तरह की कसौटियों पर परखने वाली है. यानी जो खरे उतरेंगे, वही चुनाव में खड़े होंगे. पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह टिकट वितरण में 'एंटी-इनकंबेंसी' (सत्ता विरोधी माहौल) को गंभीरता से लेगी और कई सीटों पर नए चेहरों को मौका दे सकती है. कहा जा रहा है कि इस बार महिलाओं और युवाओं को टिकट देने पर विशेष जोर दिया जाएगा.
शनिवार को पटना में हुई भाजपा की चुनाव समिति की करीब तीन घंटे चली अहम बैठक में महत्वपूर्ण रणनीतिक फैसले लिए गए. इस बैठक की अध्यक्षता बिहार प्रभारी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की. बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दूसरे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विनोद तावड़े और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल हुए.
'परफॉर्मेंस और सर्वे रिपोर्ट होगी आधार'
बैठक के बाद पार्टी नेताओं ने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि टिकट का फैसला मौजूदा विधायकों के कार्य प्रदर्शन और आंतरिक सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर होगा. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'जहां रिपोर्ट और परफॉर्मेंस मजबूत है, वहां मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका दिया जाएगा. वहीं, जहां एंटी-इनकंबंसी या अन्य दिक्कतें सामने आई हैं, उन सीटों पर नए विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. हमारा फोकस है कि महिलाओं और युवाओं को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले.'

कुछ विधायकों के टिकट कटने की आशंका
चुनाव समिति की बैठक के बाद खबर आ रही है कि कुछ विधायकों का टिकट कट सकता है. माना जा रहा है कि जिन विधायकों की सर्वे रिपोर्ट कमजोर आई है या जो संगठन से तालमेल नहीं बना पाए, उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा. इनमें बागी तेवर दिखाने वाले या निष्क्रिय रहने वाले विधायकों के नाम शामिल हैं.
बैठक में पार्टी ने कुल 125 सीटों पर अपनी रणनीति पर मंथन किया. इनमें पिछली बार भाजपा द्वारा लड़ी गई 110 सीटें और कुछ नई संभावित सीटें शामिल थीं. बताया जा रहा है कि करीब 600 से अधिक संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई, जिनमें पिछले चुनाव में हारने वाले नेता और नए युवा及महिला चेहरे शामिल हैं.

10 अक्टूबर से पहले आ सकती है पहली सूची
सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदवारों की पहली सूची 10 अक्टूबर से पहले जारी की जा सकती है. बैठक में यह भी तय हुआ कि जिन सीटों पर एक से ज्यादा दावेदार हैं, उनकी स्क्रीनिंग करके नामों की संख्या कम की जाएगी. इसके लिए कड़े मानदंड तय किए गए हैं.
'सुझाव यात्रा' से जुटाए जाएंगे जनमत
इसके समानांतर, भाजपा ने अपने घोषणापत्र को अंतिम रूप देने के लिए रविवार से 'सुझाव यात्रा' शुरू करने का भी ऐलान किया है. यह अभियान 5 से 20 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें आम लोगों, किसानों, छात्रों और महिलाओं से सीधे सुझाव लिए जाएंगे. एक डेडिकेटेड वेबसाइट और क्यूआर कोड के जरिए भी लोगों की राय जुटाई जाएगी.
कहा जा रहा है भाजपा इस बार बिहार चुनाव में न सिर्फ नए और ताजा चेहरों पर दांव लगा रही है, बल्कि जनता से सीधा जुड़ाव बनाकर एक मजबूत एजेंडा पेश करने की तैयारी में है. टिकट बंटवारे में युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता देना इसी रणनीति का एक हिस्सा है.
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