
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित मीनापुर विधानसभा (क्रम संख्या 96), शिवहर और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों से सटा हुआ है और स्वतंत्रता सेनानी जुब्बा साहनी की भूमि के रूप में विशेष पहचान रखता है. जुब्बा साहनी ने 16 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मीनापुर थाने के अंग्रेज इंचार्ज लियो वालर को जिंदा आग में झोंक दिया था, जिसके लिए उन्हें 11 मार्च 1944 को फाँसी दी गई थी.
मीनापुर की जनता के प्रमुख मुद्दे ग्रामीण सड़कों और पुलों का निर्माण तथा प्रखंड कार्यालय को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है. यहाँ की समस्याओं में जर्जर ग्रामीण सड़कें और फेल हो चुकी नल-जल योजनाओं का दोबारा चालू न होना शामिल है. 2020 की वोटर लिस्ट के अनुसार, इस सीट पर 2,74,475 मतदाता हैं. मुस्लिम, यादव और कुशवाहा यहाँ निर्णायक भूमिका में हैं, जबकि पासवान और राजपूत मतदाता भी चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं.
इस सीट का चुनावी इतिहास राजद के पक्ष में रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में, राजद उम्मीदवार राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव ने 60,018 वोट प्राप्त कर जदयू के मनोज कुमार (44,506 वोट) को 15,512 वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में लोजपा के अजय कुमार भी 43,496 वोट पाकर तीसरे स्थान पर थे. इससे पहले, 2015 के चुनाव में भी राजद के राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव ने भाजपा के अजय कुमार को 29,000 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. अगले चुनाव में, राजद से मुन्ना यादव की दावेदारी मजबूत है, जबकि एनडीए गठबंधन (जदयू) से अभी किसी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है.
संपूर्ण मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति की बात करें तो, कांटी, गायघाट, मीनापुर और बोचहा सीटों पर राजद का वर्चस्व है, जबकि सकरा विधानसभा में जदयू काबिज है. कुढ़नी, औराई, बरूराज, साहेबगंज और पारू सीटें भाजपा के खाते में गई थीं, और मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.
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