भोपाल. केंद्र सरकार की 'अग्निपथ' योजना (Agnipath Scheme) के तहत देश के रक्षा बलों के लिए भर्ती में हिस्सा लेने बुधवार देर रात 44,000 से अधिक उम्मीदवार भोपाल में एकत्रित हुए. भोपाल सहित मध्य प्रदेश के 9 जिलों के उम्मीदवारों को इस मौजूदा दौर की परीक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है.
'अग्निपथ' सैनिकों, वायुसैनिकों और नौसेना के नामांकन के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना है. यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका प्रदान करती है. अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले सभी लोगों को अग्निवीर (Agniveers)कहा जाएगा.
इस साल 14 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दी. इस योजना की शर्तों को लेकर पूरे देश में काफी नाराजगी देखने को मिली. ऐसे में एनडीटीवी ने भोपाल में अग्निपथ के उम्मीदवारों से बात की. हमें उनसे मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं.
कुछ उम्मीदवारों ने कहा कि वे इस अभियान में भाग लेकर खुश हैं. भले ही अधिकांश के लिए सेवा का कार्यकाल केवल 4 साल का होगा. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि वे चार साल के कार्यकाल से खुश नहीं हैं. क्योंकि यह देश के युवाओं के साथ "घोर अन्याय" है.
अग्निपथ स्कीम के तहत 'अग्निवीर' को प्रशिक्षण अवधि सहित चार वर्ष की सेवा अवधि के लिए नामांकित किया जाएगा. चार वर्षों के बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर केवल 25 प्रतिशत 'अग्निवीर' को रेगुलर कैडर में बनाए रखा जाएगा या फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा.
भोपाल में प्री-मार्शलिंग क्षेत्र में अभ्यर्थियों के जमा होने के बाद देर रात 12.30 बजे उनके ऊंचाई की जांच की गई. इसके बाद उम्मीदवारों को बैचों में बांटा गया. पहले बैच के लिए फ्लैट रेस सुबह 5 बजे शुरू हुई.
NDTV से बात करते हुए उम्मीदवारों विशाल राजपूत ने अस्थायी टेंट की ओर इशारा करते कहा कि वह इंतजाम से खुश हैं. अभ्यर्थियों को रुकने के लिए टेंट में खाने-पीने का भी इंतजाम किया गया था.
यह पूछे जाने पर कि चयनित लोगों को केवल चार साल के लिए रक्षा बलों में सेवा करने का मौका मिलेगा. क्या वो इससे खुश हैं? विशाल राजपूत ने कहा: "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे चार दिन या चार साल के लिए भर्ती हो. देश की सेवा करने के लिए एक मौका मिलना ही मेरे लिए बड़ी बात है."
हालांकि, रायसेन जिले के अभिषेक गौर ने एनडीटीवी को बताया कि हालांकि वह 'अग्निवीर' के लिए भर्ती अभियान का हिस्सा बनकर खुश हैं, लेकिन चार साल का कार्यकाल पर्याप्त नहीं है. गौर ने कहा, "इसका युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है. क्योंकि उन्हें नहीं पता होगा कि चार साल की सेवा अवधि समाप्त होने के बाद क्या करना है. यह उनके साथ घोर अन्याय है."
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