'अग्निपथ योजना नहीं होगी वापस', बोले NSA अजीत डोभाल

Agneepath Yojana: अजीत डोभाल ने कहा कि जो हम कल कर रहे थे, अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं. यदि हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा.

नई दिल्ली:

Agneepath Scheme:'अग्निपथ' योजना' को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने बेहद ही जरूरी बताते हुए कहा है कि ये योजना अब वापस नहीं होगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि बेहतर कल के लिए बदलाव ज़रूरी है. ANI को दिए इंटरव्यू में अजीत डोभाल ने कहा कि जो हम कल कर रहे थे, अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं. यदि हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा. ये योजना इसलिए आवश्यक है क्योंकि भारत में, भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है: अग्निपथ योजना पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता देश की सुरक्षा है.

अग्निपथ भर्ती योजना (Agneepath Yojana) पर अजीत डोभाल ने कहा कि अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल में भर्ती किए गए जवान होंगे.  बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा, जो अग्निवीर नियमित होंगे उन्हें 4 साल बाद घनिष्ठ ट्रेनिंग दी जाएगी. अजीत डोभाल ने  युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि सकारात्मक रहें, राष्ट्र में विश्वास रखें, नेतृत्व में विश्वास रखें, समाज में विश्वास रखें और खुद पर विश्वास रखें.

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 8 सालों में स्ट्रक्चरल सुधार बहुत सारे हुए हैं. 25 साल से CDS का मुद्दा पड़ा हुआ था. राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था. आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है. आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है. ये दुनिया की सबसे अच्छी  असॉल्ट राइफल है. सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है. रेजिमेंट के सिद्धांत पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. जो रेजिमेंट हैं वे रहेंगी.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आगे कहा कि जो दूसरा वर्ग है, उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है. वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं. वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं. वे लोगों को भटकाना चाहते हैं.

वहीं पाकिस्तान पर बात करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि "पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ते चाहते हैं, लेकिन (आतंकवाद के खिलाफ) बर्दाश्त का माद्दा कम है..."

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