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ब्लॉग राइटर
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ईश्वर के प्रति विश्वास और निरंतर अभ्यास से मिली सफलता : तपस भारद्वाज
मेरे जन्म के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के समय ही मेरे माता-पिता को पता चल चुका था कि मैं दृष्टिहीन हूं। काफी कोशिशों के बाद भी मेरी दृष्टिहीनता का कोई समाधान नहीं निकल पाया था। मेरा शुरुआती बचपन काफी कठिनाइयों और बीमारियों में गुज़रा और इस दौरान मैं ज्यादातर समय अस्पताल में रहा।