जो लोग अपनी जान बचाने के लिए अपना मुल्क छोड़ दूसरे देश में शरण लेने को मजबूर हुए हों क्या वो आतंकी हैं? जिन्हें अपने ही मुल्क (म्यांमार) में नागरिक का दर्जा न दिया गया हो, जिनके गांव के गांव जला डाले गये हों, जो दूधमुंहे बच्चों और यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को साथ लिए हज़ारों किलोमीटर दूर भूखे पेट विपरीत परिस्थितियों में भागने को मजबूर हुए हों.