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This Article is From Oct 24, 2023

आवारा कुत्तों से घिरें तो क्या करें, क्या नहीं...?

Jaya Kaushik
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    October 24, 2023 13:05 IST
    • Published On October 24, 2023 13:05 IST
    • Last Updated On October 24, 2023 13:05 IST

इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक तेज़ी से बढ़ रहा है. सो ऐसे में, जिन घरों में बच्चे या बुज़ुर्ग घर से बाहर अकेले जाते हैं, तो ज़्यादा फ़िक्रमंद रहते हैं, खासकर उन इलाक़ों में, जहां आवारा कुत्तों का ख़ौफ़ या कुत्तों के काटने की घटनाएं ज़्यादा हैं. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर डॉग अटैक के कई भयावह वीडियो सामने आए, जिनमें कई बार लोगों की जान तक चली गई, और उनमें छोटे बच्चे भी शामिल थे. ताज़ा मामला वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई के निधन का है, जिसमें उन पर आवारा कुत्तों ने हमला बोल दिया, वह गिर पड़े, ब्रेन हैमरेज हुआ, क़रीब हफ़्ताभर अस्पताल में रहे, लेकिन उनकी जान न बच पाई.

अब सवाल यह है कि जब कभी किसी के सामने ऐसे हालात हों कि उसे हमलावर कुत्ते या कुत्तों के झुंड का सामना करना पड़े, तो वह खुद को बचाने के लिए सबसे पहले क्या करे...? जानवरों के बिहेवियर को समझने वाली और उनका इलाज करने वाली डॉक्टर हंसिका सिंह, जो एक पशु चिकित्सक (Veterinary Doctor) हैं, से हमने यही समझने की कोशिश की.

क्या करें और क्या न करें...?

  • डॉ हंसिका का कहना है कि जब आपके सामने कुत्ते हों और आपको लगे कि वे आप पर हमला कर सकते हैं, तो सबसे पहले आपको डरना नहीं, खुद को शांत रखना है, क्योंकि कुत्तों में सामने वाले के डर को भांपने की नैचुरल इंस्टिंक्ट होती है. डर लग भी रहा हो, तो उसे कंट्रोल करने की कोशिश करें.
  • कुत्तों की आंखों में आंख न डालें. इसे वे खुद के लिए ख़तरा समझते हैं. मानो, उन्हें आंख में आंख डालकर कोई चुनौती देने की कोशिश कर रहा हो. ज़रूरी है कि उस समय अपना सिर कुछ नीचे झुकाते हुए उनकी तरफ़ डायरेक्ट न देखें.
  • हो सके, तो धीरे-धीरे अपने को पीछे करने की कोशिश करें, उनसे धीरे-धीरे दूरी बनाने की कोशिश करें, लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता, हड़बड़ाहट में हरगिज़ नहीं.
  • अगर आपके आसपास ऐसी कोई चीज़ हो, जिसकी आड़ आप ले सकें या जिसके पीछे आप छिप सकें, जैसे - कोई दीवार, पेड़, कूड़े का डिब्बा या कुछ भी, तो खुद को उसके पीछे ले जाएं.
  • यदि आपके पास उस वक़्त कोई पर्स, बैकपैक, जैकेट या ऐसा कोई सामान है, जिसे आप अपने फ़्रंट में अपना बचाव करते हुए रख पाएं, तो उसे अपने शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करें.
  • कुत्तों से आमना-सामना हो जाए, तो कुत्ते की तरफ़ पीठ करके भागने की कोशिश न करें, क्योंकि कुत्तों में शिकार का पीछा करने की टेन्डेंसी होती है, सो, ऐसे में वे आपको अपना शिकार समझेंगे और आपकी तरफ़ दौड़कर आपको नुकसान पहुंचाएंगे.
  • ध्यान रहे, अगर आपने साड़ी या धोती या कोई ढीला-ढाला कपड़ा पहना हुआ है, तो उसे ठीक से समेट लें, क्योंकि अक्सर कुत्ते उन्हें खींचने की कोशिश करते हैं, और ऐसे में आपको ज़्यादा चोट लगने का डर रहेगा.

कुत्ते के काटने के तुरंत बाद क्या करें...?

  • कई बार ऐसा देखने में आया है कि तमाम एहतियात या खुद को बचाने की कोशिश के बावजूद कुत्ते ने आपको काट लिया, तो भी आप घबराएं नहीं. डॉ हंसिका का कहना है कि आप घर पर अपने घाव को 5-6 मिनट खुले पानी में साफ़ करें.
  • उसके बाद डेटॉल / सैवलॉन से घाव को साफ़ करें.
  • तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, जो रैबीज़ से बचाव के लिए आपको इंजेक्शन देंगे.
  • डॉक्टर जितने इंजेक्शन बताएं, एक निश्चित अंतराल पर लगाने को कहें, तो वह कोर्स पूरा करें.
  • आपका घाव कितना गहरा है और कुत्ते ने आपको कहां काटा है, डॉक्टर यही देखकर आगे का इलाज करेगा.
  • डॉ हंसिका का कहना है - अगर कुत्ते ने गहरा काटा है, तो रैबीज़ होने के चांस कुछ बढ़ जाते हैं.
  • इसलिए कुत्ते के काटने को हल्के में न लें. तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज करवाएं. रैबीज़ सीधा मस्तिष्क पर असर डालता है, और इंसान की जान पर ख़तरा आ जाता है, इसलिए इस वायरस से बचने का तरीका यही है कि वक़्त पर इलाज करवाएं.
  • देखने में आया है कि कुत्ते ने अगर गर्दन या कंधे या ऐसी किसी जगह काटा है, जो मस्तिष्क के नज़दीक है, तो ख़तरा ज़्यादा बढ़ जाता है, जबकि हाथ या पैर पर काटने पर खतरा कुछ कम होता है, क्योंकि यह वायरस सीधा ब्रेन पर असर डालता है.

डॉ हंसिका से हमने यह भी जानना चाहा कि आखिर कुत्तों का आतंक इतना बढ़ क्यों गया है...?

डॉ हंसिका का कहना है कि कई बार हम जानवरों के साथ ठीक व्यवहार नहीं करते, उन्हें छेड़ते हैं, कभी उनकी पूंछ, कभी कान आदि को नुकसान पहुंचाते हैं. उनके भोजन करते वक्त उनसे खिलवाड़ या छेड़खानी करते हैं, उनसे बुरा व्यवहार करते हैं. कई बार बच्चे उन्हें डराने के लिए उनके आगे पटाखे फोड़ते हैं - ऐसे कई कारण है, जिनसे वे चिड़चिड़े हो जाते हैं.

ऐसे में, आपके साथ हुई घटना के वक़्त भले ही न हो, लेकिन उनके अंदर गुस्सा होता है, जो आप पर हमले के रूप में सामने आ सकता है.

इसलिए यह हम सबकी भी उतनी ही बड़ी ज़िम्मेदारी है कि हम भी जानवरों को जानबूझकर परेशान न करें, उन्हें बेवजह न छेड़ें.

जया कौशिक NDTV इंडिया में एंकर और एसोसिएट न्यूज़ एडिटर हैं...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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