Siberian Tigers: बाघ-बाघिन की एक खूबसूरत और चौंकाने वाली कहानी सामने आई है. यह कहानी प्यार, बिछड़न और फिर मिलन की कहानी है. दरअसल, यह कहानी है उन साइबेरियाई बाघ-बाघिन की, जो 10 साल बाद मिले हैं. दो अमूर बाघ (बोरिस और स्वेतलया) आज से 10 साल पहले बिछड़ गए थे, जो एक दूजे से 200 किमी दूर रहने के बाद अब रूस के जंगल में मिल गए हैं. बता दें कि, साल 2012 में इन बाघ-बाघिन को सिखोते-एलिन माउंटेन से बचाया गया था, जहां यह अनाथों की जिंदगी जी रहे थे. वहीं, 18 महीने के हो जाने के बाद इन बाघों को जंगल में छोड़ने का लक्ष्य था, जो कि साल 2014 में प्री-अमूर क्षेत्र में पूरा हुआ.
गजब:- सुनहरी बाघिन हुई वायरल, प्यारा सा चेहरा, चमकीला सा रंग..देख दिल हार बैठे लोग
यहां देखें पोस्ट
If Humans Can Go Miles for Love, So Can Tigers ????
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) December 15, 2024
In Russia's Sikhote-Alin mountains, two orphaned unrelated Amur tiger cubs, Boris and Svetlaya, were rescued as fragile infants. Raised together in a semi-wild environment, scientists prepared them for life in the wilderness,… pic.twitter.com/RHlSiL6nLe
गजब:- जंगल में ड्यूटी पर तैनात फॉरेस्ट गार्ड के सामने अचानक से आ धमका बाघ, कमजोर दिल वाले..
10 साल बाद मिले दो बाघ (Siberian Tigers)
संरक्षण परियोजना के चलते बाघों की आबादी को बढ़ावा देने के लिए उन्हें सैकड़ों किलोमीटर तक ट्रैक किया गया और अलग किया गया, लेकिन बोरिस का अपना अलग प्लान था. संरक्षणवादी यह जानने के लिए उत्सुक थे कि बोरिस को आखिर क्या हो गया है. सामान्य बाघों के विपरीत, जो एक विशिष्ट क्षेत्र में घूमते हैं, बोरिस का व्यवहार इन सबसे अलग था. वहीं, अपनी जिद्द पर अड़ा बोरिस लगभग तीन साल तक अपनी पार्टनर श्वतेलया को ढूंढने के लिए 200 किमी तक चला. वहीं, दोनों के पुनर्मिलन के 6 महीने बाद इनके घर में किलकारी गूंजी. संरक्षणवादी इस चीज को देख हैरान है और कह रहे हैं कि इससे बाघों की संख्या में बड़ा इजाफा होगा.
गजब:- बाघिन पर ईंट-पत्थर लाठी-डंडों से भीड़ ने किया हमला, मादा शिकारी की फोड़ डाली आंख, वीडियो वायरल
क्या बोले एक्सर्ट (Siberian Tiger Reunite)
वन्यजीव संरक्षण सोसायटी के प्रमुख लेखक डेल मिकेल ने कहा, 'डेटा से पता चला है कि अनाथ शावक, जिन्हें कैद में पाला गया और फिर छोड़ दिया गया, वे शिकार करने में जंगली बाघों के ही तरह अच्छे हैं, वे एक ही प्रकार के जंगली शिकार को निशाना बनाते थे और बहुत कम ही पशुओं को मारते थे'. मिकेल ने आगे कहा, 'यह बाग की यह सफल जर्नी दर्शाती है कि बाघों को मनुष्यों से उचित अलगाव और शिकार करना सीखने का अवसर प्रदान करने पर उन्हें सफलतापूर्वक जंगल में छोड़ा जा सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया के लिए शावकों को इस यात्रा के लिए तैयार करने में बहुत सावधानी और ध्यान देने की आवश्यकता है.
गजब:- मां समझकर महिला से लिपटते दिखे शेर के बच्चे, बच्चों की कहानी जान लोगों के आंखों से बहने लगे आंसू
वहीं, साइबेरियाई बाघ, जिसे अमूर बाघ के नाम से भी जाना जाता है, बाघ की एक राजसी और शक्तिशाली उप-प्रजाति है, जो रूसी सुदूर पूर्व में रहते हैं. दुर्भाग्य से अवैध शिकार और मानव-बाघ संघर्ष जैसे विभिन्न खतरों के कारण साइबेरियाई बाघ को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में लुप्त प्रजाति के रूप में लिस्टेड किया गया है.
ये भी देखें:- दुल्हन ने रचाया स्वंयवर
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं